मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सीएम हाउस छोड़कर 74 बंगला स्थित बी-8 बंगले में शिफ्ट हो गए। अब उन्होंने अपने इस बंगले को मामा का घर नाम दिया है। अब इस नाम को लेकर प्रदेश की सियासत में कई तरह की चर्चाएं चल पड़ी हैं।
प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को वैसे भी मामाजी ही कहा जाता है। प्रदेश में उन्होंने लाड़ली बहनों से लेकर प्रदेश के युवाओं और बच्चों के साथ एक आत्मीय रिश्ता बनाया है। जिसके बाद ये कहना भी गलत नहीं होगा, कि पूर्व सीएम प्रदेश के बेटा-बेटियों के ही नहीं बरन हर प्रदेश वासी के मामा और भैया बन गए।
अपना बंगला खाली करने के समय भी पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा, ''मैंने यहां अपनी जनता और प्रदेश की भलाई के लिए कई फैसले लिए हैं। मैं नए मुख्यमंत्री मोहन यादव और उनकी टीम को राज्य के विकास को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए शुभकामनाएं देता हूं। मैं उन लोगों की ढेर सारी यादों और प्यार के साथ खुश होकर वापस आ रहा हूं, जिन्होंने सीएम के रूप में मेरी यात्रा पूरी करने में मेरी मदद की।
पूर्व मुख्यमंत्री की ओर से लिखा गया था, आज पता बदल रहा है, लेकिन आपके भाई और मामा के दरवाजे आपके लिए हमेशा खुले रहेंगे। जनसेवा के प्रति यह प्रतिबद्धता मेरे नए पते बी-8, 74 बंगले से जारी रहेगी। जब भी तुम्हें अपने भाई या मामा से सहायता की आवश्यकता हो, कृपया बिना किसी झिझक के घर आ जाओ। मैं आपसे वादा करता हूं कि आपकी सेवा में कोई कसर नहीं छोड़ूंगा।
गौरतलब है कि साल 2005 में जब शिवराज सिंह चौहान सांसद थे, तब 74 बंगलों वाला बी-8 बंगला आवंटित किया गया था। मुख्यमंत्री बनने के बाद वह अपने परिवार के साथ श्यामला हिल्स स्थित सीएम हाउस में शिफ्ट हो गये। 2018 तक रहे, लेकिन कमल नाथ के सत्ता में आने के बाद वे अपने बी-8 बंगले में चले गए। 2020 में दोबारा मुख्यमंत्री बनने के बाद वह सीएम हाउस चले गए।