भोपाल: आबकारी आयुक्त ने महुआ से बनी हेरीटेज मदिरा के संबंध में नवीन आदेश जारी किये हैं। जारी आदेश के अनुसार, वर्तमान में संचालित 2 हेरीटेज मदिरा विनिर्माण इकाईयों यथा हनुमान स्वसहायता समूह कठ्ठीवाड़ा जिला अलीराजपुर एवं मां नर्मदा स्व सहायता समूह जिला डिण्डौरी में उत्पादित हेरीटेज मदिरा का प्रदाय आठ गोदामों में किया जायेगा तथा इसके लिये विनिर्माण इकाई से कोई धनराशि नहीं ली जायेगी। ये गोदाम हैं : विदेशी मद्य भाण्डागार भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर एवं सिवनी तथा देशी मद्य भाण्डागार निवाड़ी, सोहागपुर, उमरिया एवं सतना।
यह भी तय हुआ :
हेरीटेज विनिर्माण इकाई मदिरा का अधिकतम मूल्य तय करेगी। हेरीटेज मदिरा की स्प्रिरिट की तीव्रता 36 से 42.8 प्रतिशत वी/वी के बीच हो सकेगी। खाद्य संरक्षा और मानक एल्कोहालिक पेय विनियम 2018 एवं भारतीय मानक के अनुसार हेरीटेज मदिरा की गुणवत्ता होगी। जनजातीय विकासखण्ड वाले जिलों में जनजातीय स्व सहायता समूह/समूहों के द्वारा हेरीटेज मदिरा विनिर्माण इकाई की स्थापना के लिये आवेदन प्राप्त होने पर संबंधित जिले के कलेक्टर द्वारा आबकारी आयुक्त की सूचित किये जाने पर आबकारी आयुक्त द्वारा विषय विशेषज्ञ नामांकित किया जायेगा। एक माह में उत्पादित हेरीटेज मदिरा के सभी बैचों में से कम से कम एक बैच का परीक्षण एफएसएसएआई के मानकों के अनुसार किया जायेगा।