मध्य प्रदेश देश में फिल्म पर्यटन और शूटिंग का केंद्र बन गया है। अब मध्य प्रदेश में बनी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शित फिल्मों ने देश-विदेश की जानी-मानी फिल्म निर्माण कंपनियों और निर्देशकों का ध्यान आकर्षित किया है।
हाल ही में चंदेरी में फिल्माई गई फिल्म स्त्री-2 ने 600 करोड़ से अधिक का कारोबार किया है और स्त्री-3 के लिए भी प्लेटफार्म भी तैयार कर दिया है। सीहोर के गांवों में शूट की गई ऑस्कर के लिए नॉमिनेट हुई फिल्म 'लापता लेडीज' में मध्य प्रदेश के स्थानीय कलाकारों ने अपनी अभिनय क्षमता साबित की।
फिल्म में बमुलिया, सेमली, ढाबला-माता, शिकारपुर, जोशीपुर घाट, गुंजारी मंदिर, सीहोर के इछावर बाजार प्रमुखता से नजर आते हैं। वर्ष 2016 में बनी विश्व प्रसिद्ध फिल्म लॉयन की शूटिंग इंदौर, उज्जैन, खंडवा, खरगोन, देवास और बुरहानपुर में हुई थी। यहां 19 दिनों तक शूटिंग हुई।
फ़िल्म को ऑस्कर के लिए नॉमिनेट किया गया और कई अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार जीते। फिल्म के निर्देशक गार्थ डेविस ने राज्य सरकार और पर्यटन विकास निगम के सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया। मध्य प्रदेश को प्रकृति ने उदारतापूर्वक संवारा है।
1952 से फिल्मों की शूटिंग
मध्य प्रदेश में फिल्मों की शूटिंग 1952 से हो रही है। भारत की पहली टेक्नीकलर फिल्म एन की शूटिंग राजगढ़ जिले के नरसिंहगढ़ किले में हुई थी। इसे 28 देशों में एक साथ रिलीज किया गया था। इसके बाद 1955 में राजकपूर की फिल्म श्री 420 का कुछ हिस्सा शाजापुर में शूट किया गया और 1957 में रानी रूपमती, 1957 में नया दौर की शूटिंग सीहोर जिले के बुधनी में और 1963 में मुझे जीने दो की शूटिंग चम्बल क्षेत्र में की गई।
किनारा (1977), मैसी साहब (1985), इन कस्टडी (1993), बैंडिट क्वीन (1994), प्यार किया तो डरना क्या (1998), हो तू। तू एंड भोपाल एक्सप्रेस (1999), अशोका (2001), मकबूल (1999), 2003, जब वी मेट (2007), 2010 में पिपली लाइव, 2011 में आरक्षण और 2012 की सबसे मशहूर फिल्म पान सिंह तोमर भी थीं।
इसी तरह 2017 में टॉयलेट एक प्रेम कथा, 2015 में बाजीराव मस्तानी, गंगाजल 2, राजनीति, स्त्री, पंगा, मोहनजोदड़ो और हाल ही में सीहोर में पंचायत वेब सीरीज ने खूब नाम कमाया।
इन फिल्मों के साथ-साथ मध्य प्रदेश की खूबसूरती भी लोगों के दिलों में बस गई। कई फिल्मों की शूटिंग भोपाल, रायसेन, मांडू, ओरछा, खजुराहो, पन्ना, अजयगढ़, ग्वालियर, रीवा, अमरकंटक, पातालकोट, पेंच, बांधवगढ़, कान्हा, जबलपुर, धार, ओंकारेश्वर, उज्जैन, असीरगढ़, बुरहानपुर, देवास, इंडो महेश्वर, पचमढ़ी, तवा, भोजपुर, सांची, भीमबेटका और जगदीशपुर में हुई।