हम सबका सौभाग्य है कि 500 साल की प्रतीक्षा के बाद भगवान श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा पूर्ण हुई और आज हमें अयोध्या धाम जाकर भव्य मंदिर में भगवान श्री रामलला के दर्शन करने का अवसर मिल रहा है। हमारी सरकार अयोध्या धाम में मध्यप्रदेश के यात्रियों के लिए धर्मशाला का निर्माण करने और प्रदेश के प्रमुख धार्मिक स्थलों पर अन्य प्रदेशों की सरकार को स्थान उपलब्ध करा कर धर्मशालाएं बनवाने का भी प्रयास करेगी।
मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने मंत्री परिषद की बैठक से पहले संबोधन में यह बात कही। उन्होंने कहा कि मंत्री परिषद के सदस्यों का भगवान श्री राम के दर्शन के लिए शासकीय रूप से अयोध्या जाना ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण अवसर है। इस शुभ घड़ी के लिए सभी को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए सीएम मोहन यादव ने कहा कि यह यात्रा भगवान श्री राम के प्रति आदर का प्रकृटिकरण है।
उन्होंने कहा कि अयोध्या यात्रा के बाद देवस्थानों के संबंध में लिए गए निर्णय और संकल्पों के क्रियान्वयन में राज्य शासन तेजी से आगे बढ़ेगी। मंत्रिपरिषद की अगली बैठक में मंत्रिमंडलीय उप समिति बनाकर धर्मस्व, राजस्व और संस्कृति विभाग को जोड़ा जाएगा।
ग्रामीण क्षेत्र में स्थित देवस्थानों के लिए पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा नगरीय क्षेत्र में स्थित देवस्थानों के लिए नगरीय विकास एवं आवास विभाग भी इसमें शामिल रहेंगे। सभी विभाग परस्पर तालमेल और समन्वय से देवस्थानों के विकास के लिए कार्य योजना बनाकर उनका क्रियान्वयन सुनिश्चित करेंगे।
राज्य शासन का उद्देश्य यह है कि मंदिर देवस्थान के साथ-साथ सामाजिक चेतना और समरसता का भी केंद्र बनें और मंदिरों में सामूहिक विवाह जैसे सामाजिक कार्य संपन्न हो। अयोध्या धाम सहित प्रदेश के अंदर और प्रदेश के बाहर स्थित प्रमुख देवस्थानो में राज्य सरकार द्वारा धर्मशालाएं विकसित करने की दिशा में पहल की जाएगी, अन्य राज्य सरकारों को मध्य प्रदेश स्थित देवालयों में अपने राज्य की तरफ से धर्मशालाएं विकसित करने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाएगा । मुख्यमंत्री डॉ यादव के इस प्रस्ताव का मंत्री परिषद के सदस्यों ने टैबलें थपथपाकर स्वागत किया।