प्रदेश कांग्रेस की महामंत्री और पूर्व विधायक सविता दीवान शर्मा में भी अब बगावती तेवर दिखती नज़र आ रही हैं। सविता दीवान शर्मा ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पर पार्टी को बंधक बना लेने का गंभीर आरोप लगाया है।
सविता दीवान ने एक इंटरव्यू में कहा है कि दो महीने पहले जिस बात को लेकर चुनाव लड़ने की बात कही जा रही थी, वो टिकट वितरण में दिखने के बजाय तानाशाही नजर आई। कांग्रेस पार्टी को मप्र में कमलनाथ और दिग्विजय सिंह ने अपना बंधक बना लिया है।
टिकट वितरण में तानाशाही का आरोप लगाते हुए सविता शर्मा ने कहा कि जिन उसूलों के खातिर पार्टी से जुड़े रहे अब उन उसूलों की कोई अहमियत नहीं रही। प्रदेश कांग्रेस में कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के अलावा किसी का कोई अस्तित्व नहीं है।
सविता दीवान शर्मा ने मंगलवार रात फेसबुक वॉल पर जो पोस्ट लिखी है उसका आशय लगाया जा रहा है कि वे जल्द ही पार्टी को अलविदा भी कह सकती हैं। उन्होंने लिखा- उसूलों पर जहां आंच आए टकराना जरूरी है, जो जिंदा हों तो फिर जिंदा नजर आना जरूरी है।
गौरतलब है कि यही बात ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस से मोहभंग होने पर लिखी थी और फिर वे भाजपा में शामिल हो आगये थे। सविता दीवान ने तीन दिन पहले भी फेसबुक पर एक पोस्ट की थी। इसमें उन्होंने लिखा- अपना अस्तित्व बचाने को अपनों से लड़ना पड़ता है। जब भीष्म अधर्म के रक्षक हों तो अर्जुन बनना पड़ता है।
बताया जा रहा है कि सविता दीवान शर्मा सोहागपुर विधानसभा से टिकट की दावेदारी कर रही थीं लेकिन कांग्रेस ने यहाँ जिला अध्यक्ष पुष्पराज पटेल को अपना प्रत्याशी बनाया है।