भोपाल: जंगल का अपना कानून है। इस कानून के तहत ताकतवर टाइगर ही राज करता है। बुढ़ापे में अथवा कमजोर होने की स्थिति में उसे अपने टेरिटरी छोड़कर बाहर भागना पड़ता है। इसी श्रृंखला की कड़ी में सोमवार को बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के मगधी और कलवा रेंज में अपनी टेरिटरी को छोड़कर रहवासी इलाके में रह रहे 14 वर्ष की टाइगर को घायल अवस्था में रेस्क्यू कर मुकुंदपुर टाइगर जू भेजा गया। बुढ़ापे में अब नया आसरा मुकुंदपुर जू होगा।
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर प्रकाश वर्मा ने बताया कि जिस मेल टाइगर का रेस्क्यू किया गया वह ओल्ड एज्ड और घायल था। वह पिछले 2 दिनों से रोहनिया गांव के पास था। एक बाड़े में घुसकर पांच पालतू जानवर को मार दिया था। रविवार को एक गाय को भी मार दिया। गाय की मौत के बाद गांव में टाइगर के प्रति गांव वाले आकर्षित हो गए। उन्हें जैसे तैसे समझाया गया और स्टाफ की मॉनिटरिंग शुरू कर दी गई।
बुढ़ापे में अपनी टेरिटरी छोड़कर गांव के पास घूमने से किसी व्यक्ति पर अटैक न कर दे, इसके लिए विलेजर्स को समझाया गया और हथियों से टाइगर की लगातार निगरानी की जा रही थी। घायल टाइगर सुबह रोहनिया गांव में एक व्यक्ति के घर में घुस गया था। हथियों से बड़ी मशक्कत के बाद बुजुर्ग के टाइगर को गांव से बाहर किया। वन्य प्राणी डॉ तोमर की निगरानी में टाइगर रिजर्व की टीम ने शाम में सफलतापूर्वक रेस्क्यू किया गया और आगे ट्रीटमेंट एंड देखरेख के लिए मुकुंदपुर रवाना किया गया।