नया फरमान : अब आरटीआई के तहत निजी जानकारी नहीं दी जा सकेगी


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स्टोरी हाइलाइट्स

नए संशोधन के अनुसार राज्य के सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी विभागों को एक पत्र जारी कर दिया है..!!

भोपाल: मध्य प्रदेश में अब किसी भी व्यक्ति की निजी जानकारी सूचना के अधिकार में नहीं दी जा सकेगी। नए संशोधन के अनुसार राज्य के सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी विभागों को एक पत्र जारी कर दिया है। 

राज्य के सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी विभागों के प्रमुखों को परिपत्र जारी कर कहा है कि केंद्र सरकार के नवीन कानून डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट 2023 की धारा 44 (3) ने सूचना का अधिकार कानून 2005 की धारा 8 (1)(जे) को खत्म कर दिया है जिसके तहत अब आरटीआई के तहत किसी व्यक्ति की निजी जानकारी नहीं दी जा सकेगी।

दरअसल, आरटीआई अधिनियम, 2005 की धारा 8(1)(जे) अधिकारियों को सूचना तक पहुंच से इनकार करने की अनुमति देती है यदि यह किसी व्यक्ति की गोपनीयता में हस्तक्षेप करती है, लेकिन यदि कोई सार्वजनिक हित हो तो सूचना के प्रकटीकरण की अनुमति देती है।  

लेकिन हाल में संसद से पारित एवं राष्ट्रपति से स्वीकृत डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट 2023 ने आरटीआई एक्ट की उक्त धारा को खत्म कर दिया है जिससे अब किसी व्यक्ति की निजी जानकारी आरटीआई के तहत दिये जाने पर रोक लग गई है। राज्य सरकार के नये फरमान से अब सरकारी विभागों एवं कार्यालयों के लोक एवं सहायक सूचना अधिकारी और अपीलीय अधिकारी आरटीआई के तहत मांगी जाने वाली निजी जानकारियों पर रोक लगा सकेंगे।