भोपाल: राज्य सरकार ने तीन सदस्यीय पुनर्गठन आयोग का गठन कर दिया है। यह आयोग अस्थाई रहेगा तथा इसका कार्यकाल एक वर्ष रहेगा तथा शासन इसका कार्यकाल बढ़ा भी सकेगा। यह नया आयोग राज्य की प्रशासनिक इकाईयों यथा संभाग, जिला, उपखण्ड, तहसील एवं जनपद/विकासखण्ड के परिसीमन यानि सृजन एवं सीमाओं में परिवर्तन एवं युक्तियुक्तकरण के लिये अनुशंसाएं देगा। आयोग का मुख्यालय भोपाल में रहेगा।
आयोग की टर्म आफ रिफरेंस तय की गई हैं कि वह प्रदेश की भोगोलिक परिस्थितियों एवं जन अपेक्षाओं के आधार पर और अधिक जनोन्मुखी एवं सुलभ प्रशासन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से उक्त वर्तमान प्रशासनिक इकाईयों के पुनर्गठन के संबंध में अनुशंसायें देगा। साथ ही भविष्य में नवीन प्रशासनिक इकाईयों के गठन हेतु मार्गदर्शी सिध्दांतों के संबंध में भी सिफारिशें करेगा। इसके अलावा, आयोग प्रशासनिक इकाईयों की पद संरचना एवं उनके आकार एवं कार्यों के अनुपात में पदों की आवश्यक्ता को दृष्टिगत रखते हुये पदीय संरचनाओं के युक्तियुक्तकरण की अनुशंसायें करेगा।
प्रशासनिक इकाईयों के पुनर्गठन हेतु आयोग संबंधित संभाग/जिलों का भ्रमण कर सुझाव प्राप्त करेगा एवं प्रशासनिक इकाईयों की दक्षता बढ़ाने हेतु अन्य सिफारिशें करेगा। आयोग का अध्यक्ष पर्याप्त प्रशासनिक अनुभव वाला होगा और उसे प्रमुख सचिव के समकक्ष वेतनमान एवं भत्ते दिये जायेंगे जबकि आयोग के सदस्य न्यूनतम 20 वर्ष की शासकीय सेवा वाले सचिव या उससे ऊपर के पद वाले अधिकारी हो सकेंगे। इन्हें कामकाज के लिये स्टाफ भी प्रदान किया जायेगा।