भोपाल: उच्च न्यायालय जबलपुर ने अपर मुख्य सचिव वन विभाग एवं सचिव सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय को निर्देश जारी करते हुए कहा है आदेश की प्रामाणित प्रति प्राप्त होने के 30 दिवस के अंदर नियमानुसार कार्यवाहक पदोन्नति को लेकर बनाये गए मानदण्डों के अनुसार शेष डिप्टी रेंजरों की कार्यवाहक रेंजरों के पदोन्नति देते हुए उनकी सूची जारी करें।
मप्र कर्मचारी कांग्रेस संगठन के प्रांताध्य्क्ष मुनेंद्र सिंह परिहार द्वारा उप वनक्षेत्रपालों की कार्यवाहक पदोन्नति को लेकर दायर याचिका में हाईकोर्ट जबलपुर के न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल ने यह फैसला सुनाया। इस संबंध में कार्यकारी प्रांताध्यक्ष एसपी राय बताया कि डिप्टी रेंजरों को रेंजर्स के रिक्त पदों पर उच्चतर पद का प्रभार दिलाये जाने हेतु संगठन के प्रांताध्यक्ष मुनेंद्र सिंह परिहार द्वारा मप्र उच्च न्यायालय जबलपुर में याचिका (क्रमांक-5018) 26 फरवरी 24 को दायर की गई थी।
10 अप्रैल 24 को याचिका की सुनवाई के दौरान उच्च न्यायालय में याचिका कर्ता की ओर से अधिवक्ता ने संगठन का पक्ष रखते हुए हुए कहा कि याचिकाकर्ता की एकमात्र शिकायत यह है कि याचिकाकर्ता डिप्टी रेंजर के पद पर कार्यरत है। रेंजर पद का प्रभार वरिष्ठता के अनुसार दिया जाना है। याचिकाकर्ता वरिष्ठता की सूची में आता है क्योंकि रेंजर के पदोन्नति पद की 430 सीटें खाली पड़ी हैं। जबकि केवल 86 उप वनक्षेत्रपालों को ही कार्यवाहक पद का लाभ दिया गया है।
उच्च न्यायालय जबलपुर न्यायाधीश विवेक अग्रवाल ने शासन को निर्देश दिए हैं कि रेंजर के 430 पद रिक्त हैं जबकि केवल 86 पदों पर कार्यवाहक पदोन्नति की सूची जारी की गई है। 30 दिवस के अंदर शीघ्र शेष कर्मचारियों की सूची जारी करने के निर्देश दिए हैं। याचिका का निपटारा उच्च न्यायालय ने राज्य शासन को यह निर्देश दिए कि वे कानून और गुण-दोष तथा इस संबंध में बनाए गए मानदंडों के अनुसार बुधवार को पारित आदेश की प्रमाणित प्रति प्राप्त होने के 30 दिनों की अवधि के भीतर शेष व्यक्तियों की सूची जारी करें।