दलितों आदिवासियों को साधने के सियासी जतन के बीच अब सागर प्रदेश की सियासत का पावर सेंटर बन गया है। दोनों पार्टी के दिग्गज यहाँ अगले कुछ दिनों में ताकत दिखिते नज़र आएंगे। इस बीच कांग्रेस यहां दलितों के उत्पीड़न व मंत्रियों की मनमानी को मुद्दा बनाये हुए है। वही भाजपा भी संत रविदास स्मारक के निर्माण के जरिये कांग्रेस को जवाब देने की कोशिश कर रखी है।
भाजपा समरसता यात्रा के जरिये सागर में माहौल बना रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी 12 अगस्त को सागर में संत रविदास के मंदिर की आधारशिला रखने के साथ जनसंवाद करेंगे। कई स्थानों से समरसता यात्रा निकाली जा कही हैं जो 12 को सागर पहुंचेंगी। इस यात्रा को बुंदेलखंड की दलित बहुल्य सीटों को साधने का जतन माना जा रहा है।
वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी सागर क्षेत्र मे बड़ी सभा से अपनी आमद दर्ज़ कराने को तैयार हैं। यह उनका मध्य प्रदेश में पहला चुनावी दौरा होगा। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कार्यक्रम की तैयारी के लिए प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक बुलाई है। वहीं, पूर्व मंत्री लखन घनघोरिया को कार्यक्रम का प्रभारी बनाया है।
खास बात यह है कि खड़गे ने हाल में मप्र में दलित उत्पीड़न का भी मामला उठाया था। इधर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी अब सितंबर में मप्र आ सकते हैं। पहले उनका 8 अगस्त को शहडोल जिले के ब्यौहारी में सभा का कार्यक्रम था लेकिन चलते इसे टाल दिया गया। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा जबलपुर और ग्वालियर में जनसभा को संबोधित कर ही चुकी हैं।
देखना यह है कि सागर का शक्ति प्रदर्शन दोनों दलों में किसे सत्ता तक पहुंचने की शक्ति देता है। फिलहाल तो पूरी सियासत की गागर सागर में ही सिमटी दिखाई दे रही है।