भोपाल: वन विकास निगम के प्रबंध संचालक अभय कुमार पाटिल जंगल महकमे के नए हॉफ होंगे। उनका कार्यकाल एक महीने का ही होगा। फरवरी में वन विभाग के नए मुखिया असीम श्रीवास्तव हो बनेंगे।
मुख्य सचिव वीणा राणा की अध्यक्षता में शुक्रवार को डीपीसी की बैठक हुई। बैठक में उत्तर प्रदेश के वन बल प्रमुख सुधीर शर्मा विशेष रूप से उपस्थित थे। इसी बैठक में पहली बार वन बल प्रमुख के लिए डीपीसी कमेटी ने 1986 बैच के अभय कुमार पाटिल और 1988 बैच के असीम श्रीवास्तव के नाम पर अपनी मुहर लगाई। ऐसा इसलिए किया, क्योंकि अगले वन बल प्रमुख पाटिल का कार्यकाल एक महीने का ही है। यानि फरवरी में हॉफ पद के लिए दोबारा डीपीसी न करनी पड़े। फरवरी में बनने वाले वन बल प्रमुख असीम श्रीवास्तव का कार्यकल जुलाई 2025 तक रहेगा। कमेटी ने बैठक में 1990 बैच के बिभाष ठाकुर और विवेक जैन को एपीपीसीएफ से पीसीसीएफ पद पर प्रमोट करने पर मुहर लगाई है। उल्लेखनीय है कि मौजूदा वन बल प्रमुख आरके गुप्ता और लघु वनोपज संघ के एमडी पुष्कर सिंह दिसम्बर में सेवानिवृत होने जा रहें है।
नए साल में होंगे बदलाव
वन विभाग में कई नए बदलाव होने जा रहें है। ये सभी बदलाव नई सरकार के गठन के बाद होने की संभावना है। लघु वन वनोपज संघ एमडी पुष्कर सिंह के रिटायरमेंट के बाद प्रधान मुख्य वन संरक्षक डॉ अतुल कुमार श्रीवास्तव नए एमडी होंगे। वर्तमान में डॉक्टर श्रीवास्तव वर्किंग प्लान शाखा के प्रमुख हैं। गौरतलब यह है कि अभी तक विभाग में हुई पदस्थापना के दौरान डॉक्टर श्रीवास्तव की वरिष्ठता की अनदेखी की गई। इसी कारण यह संभावना जताई जा रही है कि नई सरकार में उनकी पदस्थापना वरिष्ठता के आधार पर होगी। निगम के मौजूदा एमडी पाटिल के वन बल प्रमुख बनने पर पीसीसीएफ प्रशासन -एक के आरके यादव को निगम में एमडी के पद पर पदस्थ किए जाने की संभावना है। कैडर में पीसीसीएफ का पद प्रशासन-एक का नहीं है। कैडर में यह पद अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक स्तर के अधिकारी के लिए निर्धारित है। डॉ श्रीवास्तव के संघ में चले जाने पर वर्किंग प्लान शाखा का प्रभार पीसीसीएफ जेएफएम पीके सिंह को दिया जा सकता है।
फरवरी में अम्बाडे होंगे पीसीसीएफ वन्य प्राणी
पाटिल के जनवरी में रिटायर होने पर पीसीसीएफ वन्य प्राणी असीम श्रीवास्तव वन बल प्रमुख बनेंगे और उनकी जगह पर 88 बैच के आईएफएस विजय एन अम्बाडे पीसीसीएफ वन्य प्राणी होंगे. विभाग में अम्बाडे की छवि वन्य प्राणी विशेष के रूप में बनी हुई है।