जबलपुर: केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट) से आर्थिक अपराध अन्वेषण (ईओडब्ल्यू) के तत्कालीन डीजी आईपीएस सुशोभन बैनर्जी को बड़ी राहत मिली है। कैट ने अंतरिम आदेश के जरिये उनके विरुद्ध जारी विभागीय जांच पर रोक लगा दी है। इसके साथ शासन से जवाब-तलब किया है। कैट ने मामले की अगली सुनवाई दो जुलाई को निर्धारित की है।
आईपीएस सुशोभन बैनर्जी की ओर से अधिवक्ता पंकज दुबे व रितिका गुप्ता ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि ईओडब्ल्यू के तत्कालीन डीजी बैनर्जी के विरुद्ध 24 फरवरी, 2021 को चार्जशीट जारी करते हुए विभागीय जांच संस्थित की गई थी। जिस पर आवेदक की ओर से अपनी आपत्ति दर्ज कराई गई थी, लेकिन आपत्ति को निरस्त करते हुए न्यायमूर्ति वीरेन्द्र सिंह को जांच अधिकारी नियुक्त किया था।
मामले में आवेदक की ओर अधिवक्ता पंकज दुबे ने दलील दी कि बिना किसी ठोस आधार के विभागीय जांच की जा रहीं है, जो कि द्वेषपूर्ण है। इतना ही नहीं शासन ने हाई कोर्ट के आदेश का भी पालन नहीं किया है। सुनवाई के बाद कैट ने राज्य शासन को नोटिस जारी कर जवाब-तलब करते हुए विभागीय जांच पर रोक लगा दी।
दरअसल, पूरा मामला 2020 में मध्य प्रदेश में पड़ी आईटी रेड से जुड़ा हुआ है। जब जांच एजेंसी ने प्रतीक जोशी व अन्य के ठिकानों पर दबिश दी थी। इस दौरान जांच एजेंसी को एक डायरी मिली थी। जिसमें मध्य प्रदेश के चार पुलिस अधिकारियों के नामों का जिक्र था। जिसमें रुपयों के लेनदेन की बात का उल्लेख था। आईटी जांच के बाद निर्वाचन आयोग ने मध्य प्रदेश शासन को सभी संबंधित पुलिस अधिकारियों के विरुद्ध जांच के निर्देश दिए थे। इसके परिपालन में साल 2021 में सुशोभन बैनर्जी समेत अन्य पुलिस अधिकारियों के विरुद्ध चार्जशीट की गई थी।