मध्य प्रदेश में चुनाव प्रचार के आखिरी दिन कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच हुई शाब्दिक तकरार सुर्खियों में है। इस बीच कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने अपने MP के चुनावी दौरे में ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ दोस्ती को लेकर दिलचस्प जवाब दिया है।
दरअसल सचिन पायलट ने सिंधिया के गढ़ शिवपुरी और भिंड जिले में प्रचार के लिए पहुंचे थे। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह उनके साथ थे। इस बीच गुना में मीडिया से चर्चा में जब केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ दोस्ती को लेकर सवाल पूछा गया तो सचिन पायलट ने जवाब दिया कि सिंधिया के सबसे बड़े मित्र तो दिग्विजय सिंह थे।
पायलट की इस बात पर जमकर ठहाके लगे। हालांकि, साथ में बैठे दिग्विजय सिंह ने उन्हें फौरन टोकते हुए कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया तो उनके पुत्र के समान हैं। सचिन पायलट ने इसके बाद कहा कि मित्रता की बात छोड़िए। आज बात सिद्धांत, मुद्दों और विचारधारा की राजनीति हो रही है।
गौरतलब है कि प्रियंका गांधी ने दतिया में कहा था था कि ‘देखाे, भाई हम लोग तो यूपी वाले हैं। हम किसी को महाराज तो नहीं कह पाएंगे. प्यार, गुस्सा, शिकायत जो भी होती है, सामने ही कह देते हैं।अब महाराज नहीं बोलेंगे तो क्या आप काम ही नहीं करोगे।प्रियंका गांधी ने आगे कहा था कि सिंधिया का कद तो छोटा है लेकिन अहंकार काफी बड़ा है। उन्होंने अपने परिवार की परंपरा निभाई और ग्वालियर-चंबल के साथ विश्वासघात किया।
इस पर सिंधिया ने पलटवार करते हुए कहा था कि ‘प्रियंका गांधी जी पार्ट-टाइम नेत्री हैं तो इन दो परंपराओं के फ़र्क़ को समझने की उनमें क्षमता हो, इसकी आशा मैं नहीं करता – किस परिवार के सपूतों ने अफ़ग़ानों से लेकर मुग़लों और अंग्रेजों तक से भारत माता की रक्षा हेतु अपनी जान की क़ुर्बानी दी थी, और किसने चीन से भारत की रक्षा करना तो दूर, उन्हें भारतीय ज़मीन ही भेंट के रूप में दे दी थी’ ? किस परिवार की दूसरी पीढ़ी ने सत्ता के लोभ में इमरजेंसी लगायी थी? और आज भी किस परिवार की वर्तमान पीढ़ी स्वयं विदेशी मंचों पर जाकर देश को बदनाम कर रही है’? ‘क़ाबिलियत को क़द से तोलने वाले अहंकार का पाठ पढ़ाने से पहले, कृपया स्वयं आईने में झांक लें. भ्रष्टाचारियों और वादाख़िलाफ़ियों के शासन को बार बार सिंधिया परिवार ने बदला है, और पुनः आपका सूपड़ा साफ़ मध्यप्रदेश से जनता करने जा रही है।