धार: भोजशाला में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) सर्वे के 42वें दिन गुरुवार को गर्भगृह के साथ ही बाहरी परिसर में काम हुआ। गर्भगृह की पश्चिम दिशा में मिट्टी हटाने का काम तेजी से किया गया। टीम ने उन स्थानों पर विशेष रूप से फोकस किया, जहां जीपीआर मशीनों से सर्वे किया जाना है। वहां मिट्टी हटाई गई।
खुदाई में मिले चार सिक्के
उधर, खुदाई के दौरान चार सिक्के भी मिले। हिंदू पक्ष का दावा है कि यह परमार काल का है। गुरुवार को राजस्व विभाग की टीम भी भोजशाला पहुंची। इसमें तहसीलदार व नायब तहसीलदार द्वारा परिसर की नपती की गई।
शिलालेख के पढ़ने का काम नहीं हुआ शुरू
हिंदू पक्ष के गोपाल शर्मा ने बताया कि खोदाई में मिले पाषाण पर उभरे शिलालेख के पढ़ने का कार्य शुरू नहीं किया जा सका। टीम के कुछ सदस्यों को धार पहुंचना था, लेकिन वे किसी कारण पहुंच नहीं पाए। अब वे सोमवार के बाद ही पहुंचेंगे।
22 मार्च से भोजशाला में सर्वे किया जा रहा
बता दें कि भोजशाला में 22 मार्च से सर्वे किया जा रहा है। कोर्ट ने छह सप्ताह यानी 42 दिन का समय दिया था। यह समय गुरुवार को पूरा हो चुका है। अब तीन मई से जो सर्वे शुरू होगा, वह अतिरिक्त समय वाला सर्वे होगा। 29 अप्रैल को कोर्ट ने एएसआइ को सर्वे के लिए आठ सप्ताह का अतिरिक्त समय प्रदान किया है। इसकी समय सीमा तीन मई से 27 जून रहेगी।