मध्यप्रदेश में बीजेपी ने जन आशीर्वाद यात्रा के जरिए चुनावी समर का आगाज़ कर दिया है। लेकिन इसके साथ ही विरोध के स्वर भी मुखर होने लगे हैं। भाजपा की वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने जन आशीर्वाद यात्रा में न बुलाए जाने पर नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि अगर अब उन्हें बुलाया भी जाएगा तो वह नहीं जाएंगी।
उमा भारती ने एक के बाद एक ट्वीट कर पार्टी पर अपना गुस्सा निकाला। उमा भारती ने कहा कि 'मुझे बीजेपी ने आने का न्योता नहीं दिया, लेकिन मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। सरकार बनने के बाद 2020 में और अभी 11 दिन भी नहीं हुए कि मुझे कोरोना हो गया और बीजेपी मुझसे प्रचार के लिए आने का अनुरोध कर रही थी, हमने 28 सीटों पर चुनाव लड़ा और 22 पर जीत हासिल की और मैंने किसके लिए प्रचार किया।
जनअशीर्वाद यात्रा में न बुलाए जाने पर उमा भारती का दर्द छलक उठा है। उन्होंने कहा, 'अगर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उन्हें सरकार बनाने में मदद की, तो मैंने भी उन्हें (2003 में) बड़े बहुमत से सरकार बनाने में मदद की थी। उन्होंने इस बात का संकेत भी दिया कि उन्हें निमंत्रण नहीं मिला है।
उमा भारती ने कहा, ''मैं उन्हें (सिंधिया) भतीजे के रूप में प्यार करती हूं, लेकिन कम से कम मैं यात्रा की शुरुआत में आमंत्रित होने की हकदार हूं, भले ही मैं वहां नहीं जाऊंगी, लेकिन मैं बीजेपी के लिए प्रचार करूंगी।'' ऐसा करो और वोट मांगोगे तो पार्टी अगला चुनाव जीतेगी।
उमा भारती ने जन आशीर्वाद यात्रा पर ट्वीट करते हुए कहा कि मुझे जन आशीर्वाद यात्रा की शुरुआत का निमंत्रण नहीं मिला है। यह सच है कि मैंने यह कहा है, लेकिन मुझे निमंत्रण मिले या न मिले, इससे मुझे कम या ज्यादा फर्क नहीं पड़ता। हां, अब अगर मुझे बुलाया भी गया तो मैं कहीं नहीं जाऊंगा, न तो 25 सितंबर को उद्घाटन समारोह में और न ही समापन समारोह में।
हालांकि, एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा कि शिवराज जी के प्रति मेरे मन में जो सम्मान है और उनका मेरे प्रति जो स्नेह है, वह अटूट और मजबूत है। जब भी और जहां भी शिवराज जी मुझे उपदेश देने के लिए कहेंगे, मैं उन्हें आदरपूर्वक उपदेश दे सकता हूं। उमा भारती ने कहा कि उन्हें डर है कि अगर मैं वहां पहुंची तो सारा ध्यान मुझ पर होगा। मुझे नहीं जाना था, कम से कम मुझे निमंत्रण देने की औपचारिकताएं पूरी करनी चाहिए थीं।''
उमा भारती ने एक ट्वीट के जरिए अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि मैं उन लोगों में से हूं जिनके खून-पसीने से इस बीजेपी का गठन हुआ है, पार्टी को कभी नुकसान नहीं होगा। मैं ऐसा कुछ नहीं करूंगी। उन्होंने लिखा कि तीसरी बात जो मैंने कल कही, वह किसी ठेस या गुस्से से नहीं आई।