भोपाल: वानिकी कार्य निविदा के माध्यम से कराए जाने संबंधित राज्य शासन के फरमान पर वरिष्ठ अधिकारियों के बीच सहमति बनी कि मैन्युअल और निविदा की शर्तें होने के बाद ही इस पर क्रियान्वयन किया जाए। सूत्रों के अनुसार अक्टूबर से पहले सरकार के आदेश पर अमल नहीं किया जा सकता है। कुछ अधिकारियों की राय थी कि कर्नाटक की तरह फिलहाल तो पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू किया जाय।
27 मार्च को निविदा के माध्यम से वानिकी कार्य कराए जाने संबंध जारी आदेश के 6 दिन बाद वन बल प्रमुख असीम श्रीवास्तव ने गुरुवार को अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक स्तर के अधिकारियों की बैठक बुलाई। बैठक में सीनियर आईएफएस अफसरों ने निविदा से संबंधित राज्य शासन द्वारा मई, अगस्त और अक्टूबर के महीने में जारी आदेशों के प्रावधानों पर मंथन किया। बैठक में जब अधिकारियों ने नए-पुराने प्रावधानों को एक दूसरे से लिंकअप किया तब उनके कंफ्यूजन दूर होते नजर आए।
विभिन्न टुकड़ों में जारी आदेश के अध्ययन पर यह तो स्पष्ट हो गया कि प्रचलित कार्यों पर नए आदेश के प्रावधान लागू नहीं होंगे। सभी अफसरों ने भी एक स्वर से यह तय किया कि वन विभाग अपना नया मैन्युअल और निविदा की शर्तें बनाएगा और उसके अनुसार ही भविष्य में वानिकी कार्य कराए जा सकेंगे। बैठक में ही वन बल प्रमुख असीम श्रीवास्तव ने निविदा संबंधित मैन्युअल और शर्तें बनाने की जवाबदारी प्रधान मुख्य वन संरक्षक विकास यूके सुबुद्धि को दी है। सुबुद्धि का कहना है कि मैन्युअल बनाने में समय लग सकता है। शासन के नए नियम नए वित्तीय वर्ष में लागू किया जा सकेंगे।
ये कार्य जो विभागीय स्तर पर कराये जाने हैं
** रोपणियों में पौधा तैयारी एवं रख-रखाव कार्य।
** वन्यप्राणी क्षेत्रों में कोर एरिया के समस्त कार्य।
** मुनारा, फायर लाईन कटाई/रख-रखाव कार्य।
** वनमार्ग उन्नयन/सुदृढ़ीकरण कार्य।
** अन्य प्रतिदिन के कार्य जैसे प्रशिक्षण। कार्यशाला, अनुभूति जो वित्तीय अधिकार पुस्तिका के प्रावधानों के अनुसार सम्पन्न होंगे।
कई सवालों के उत्तर के आधार पर बन सकता है मैन्युअल
शासन का आदेश गफलत भरा है। इस आदेश मे ब्यापक रूप त्रुटिया है। मसलन, आदेश में कहीं उल्लेख नहीं है कि वन विभाग के क्षेत्रीय अमले की क्या भूमिका होगी? वन विभाग इन कार्यो की मनीटरिंग कैसे करेगा ? निविदा से क्रय समग्री का भौतिक सत्यापन कौन करेगा ? निविदा से क्रय सामग्री की क्या गारंटी है कि सामग्री मानकों के आधार पर निविदकार द्धारा प्रदान की गयी सामग्री का तकनीकी परीक्षण किसके द्धारा किया जावेगा ? यदि क्रय सामग्री अमानक स्तर की है तो उसके लिये किसे दोषी ठहराया जायेगा ? निविदाकार द्धारा प्रदाय की गयी सामग्री पर स्वीकृत आदेश के अनुपात मे नहीं होने पर निविदाकार के विरूद्ध क्या विभागीय कार्यवाही की जावेगी ? उसकी अमानत राशि जप्त की जायेगी अथवा नहीं ?