पूर्व नेता प्रतिपक्ष का आरोप, प्रदेश में पहली बार अभूतपूर्व कंगाली की स्थिति


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स्टोरी हाइलाइट्स

अजय सिंह का आरोप, खजाना खाली, आहरण पर अघोषित रोक, श्वेत पत्र जारी करें..!

पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने प्रदेश में गंभीर वित्तीय संकट की परिस्थितियां बनाने का आरोप मुख्यमंत्री शिवराजसिंह पर लगाया है। उन्होंने कहा हाल यह है कि सरकारी लोगों की तनख्वाह के अलावा कोई आहरण नहीं किया जा रहा है। मजदूरी दर पर रखे कर्मियों की मजदूरी रोक ली गई है। ग्रेच्युटी, जीपीएफ, बीमा, अवकाश नकदीकरण और शुरूआती पेंशन आदि भुगतान पर पूरी रोक लगा दी गई है। बड़े विभागों का बजट वापस लिया जा रहा है। 

ठेकेदारों की डिपाजिट मनी भी खर्च कर दी गई है| कंगाली की यह स्थिति प्रदेश के इतिहास में पहली बार आई है। सिंह ने कहा कि यह स्थिति पिछले 10-15 दिनों से है। सर्वर की गड़बड़ी का बहाना बना कर सब कुछ रुका हुआ है। सरकार में अफरातफरी मची है। ऐसा लगता है अब मध्यप्रदेश को ऋष्टा देने वाली वित्तीय संस्थाओं ने अपने हाथ खड़े कर दिए हैं। 

सिंह ने कहा कि यदि खजाने की स्थिति खाली नहीं है तो मुख्यमंत्री को स्थिति स्पष्ट करना चाहिए। सरकार की ओर से इस संबंध में एक श्वेत पत्र जारी होना चाहिए ताकि किसी प्रकार का कोई भ्रम न रहे। उन्होंने कहा कि वित्तीय संकट से निबटने के लिए समय रहते तत्काल व्यवहारिक कदम उठाने चाहिए ताकि अप्रिय परिस्थितियों से बचा जा सके।