लम्पी वायरस की रोकथाम हेतु अब कार्यरत एवं रिटायर्ड पशु चिकित्सा अधिकारी भी पशु चिकित्सा सेवायें दे सकेंगे


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स्टोरी हाइलाइट्स

इसके लिये राज्य सरकार ने वेटनरी कौंसिल एक्ट के तहत अनुज्ञा प्रदान कर दी है..!

भोपाल: अब प्रदेश में पशुपालन एवं डेयरी विकास विभाग में कार्यरत एवं रिटायर्ड सभी सहायक पशु चिकित्सा फील्ड अधिकारी और राज्य या केंद्र सरकार से मान्यता प्राप्त किसी विवि तथा सम्बध्द कालेजों द्वारा संचालित पशुपालन में द्विवर्षीय पाठ्यक्र म के प्रमाण-पत्र धारक पंजीकृत वेटनरी डाक्टर के पर्यवेक्षण में सभी प्रकार की लघु पशु चिकित्सा सेवायें प्रदान कर सकेंगे।

इसके लिये राज्य सरकार ने वेटनरी कौंसिल एक्ट के तहत अनुज्ञा प्रदान कर दी है। यह कार्यवाही प्रदेश में गौवंश में तेजी से फैल रहे घातक लम्पी वायरस की रोकथाम के सिलसिले में की गई है। इस अनुज्ञा से अब उक्त सभी अधिकृत किये गये व्यक्ति ये कार्य कर सकेंगे यथा प्रारंभिक पशु चिकित्सा सहायता प्रदान करना जिसमें घावों की मलहम पट्टी शामिल है। टीकाकरण, बधियाकरण, कृत्रित गर्भाधान कर सकेंगे, रोगों के निदान हेतु नमूने एकत्रित कर सकेंगे, रजिस्टर्ड वेटनरी डाक्टर को सहायता कर सकेंगे, महामारी/आपातकाल की अवधि के दौरान राज्य सरकार के निेर्देश पर काम कर सकेंगे।