तेलंगाना की तर्ज पर मध्य प्रदेश भी ई-कैबिनेट लॉन्च करने की तैयारी कर रहा है। ई-कैबिनेट ऑनलाइन काम करेगी। मुख्य सचिव वीरा राणा ने गुरुवार को ई-कैबिनेट की तैयारियों पर चर्चा के लिए अधिकारियों के साथ बैठक की।
ई-कैबिनेट का एजेंडा मंत्रियों को ऑनलाइन भेजा जाएगा। कैबिनेट के समक्ष रखे जाने वाले प्रस्ताव विभिन्न विभागों से ऑनलाइन मांगे जायेंगे। कैबिनेट के समक्ष रखे जाने वाले प्रस्तावों पर वित्त एवं अन्य विभागों से भी ऑनलाइन सुझाव आमंत्रित किये जायेंगे। यदि कोई मंत्री भोपाल में कैबिनेट बैठक में शामिल नहीं हो सकता है, तो वह कहीं से भी वर्चुअली बैठक में भाग ले सकता है, लेकिन उसका एजेंडा ऑनलाइन उपलब्ध होना चाहिए। ई-कैबिनेट शुरू होने के बाद सरकार किसी भी चीज की हार्ड कॉपी पर कार्रवाई नहीं करेगी।
फिलहाल विभाग प्रस्ताव तैयार कर उन प्रस्तावों की 50 प्रतियां कैबिनेट को भेजते हैं। मुख्य सचिव कैबिनेट के समक्ष रखे गए मुद्दों को मुख्यमंत्री के ध्यान में लाते हैं और तदनुसार एजेंडे की एक हार्ड कॉपी तैयार करते हैं। एजेंडे की अनुक्रमणिका के बाद सभी विभागों के प्रस्तावों का सारांश डाला जाता है। फिर इसे मुख्यमंत्री, मंत्रियों, सीएस और सीएम सचिवालय के अधिकारियों को भेजा जाता है। ई-कैबिनेट शुरू होने के बाद एजेंडे की हार्ड कॉपी कहीं नहीं भेजी जाएगी।
सूत्रों के मुताबिक ई-कैबिनेट व्यवस्था में गोपनीयता बनाए रखने में दिक्कत आ रही है। मुख्य सचिव की अधिकारियों के साथ हुई बैठक में यह मुद्दा उठा। समस्या ये है, कि ज्यादातर मंत्री कंप्यूटर पर काम नहीं करते। उनका निजी सहायक कंप्यूटर का काम संभालते हैं। कैबिनेट के एजेंडे को गुप्त रखा जाना चाहिए। नियम के मुताबिक इसकी जानकारी संबंधित मंत्री के अलावा किसी और को नहीं होनी चाहिए। ई-कैबिनेट शुरू होते ही मंत्री के स्टाफ को कैबिनेट के सामने रखे जाने वाले एजेंडे की जानकारी हो जाएगी।