MP News: मध्य प्रदेश में सोमवार से विधानसभा का मानसून सत्र शुरू होने जा रहा है, जिसमें वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा 3 जुलाई को मोहन सरकार के कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट पेश करेंगे। ऐसे में बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों ने इस बार सदन के लिए कई खास तैयारियां की हैं।
कांग्रेस ने जहां सरकार को कई मुद्दों पर घेरने की योजना बनाई है, वहीं बीजेपी ने भी विपक्ष के आरोपों का जवाब देने की रणनीति बनाई है। सत्र शुरू होने से पहले विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर विधानसभा पहुंचे और तैयारियों का जायजा लिया। इस बार पक्ष और विपक्ष के विधायकों ने चार हजार से ज्यादा सवाल पूछे हैं।
विधानसभा के मानसून सत्र में कुल 4287 प्रश्न पूछे गए हैं। इनमें से 2108 प्रश्न तारांकित हैं जबकि 2179 प्रश्न अतारांकित हैं। खास बात यह है कि ऑनलाइन सवालों की संख्या भी बढ़ गई है। 2386 प्रश्न ऑनलाइन पूछे गए, जबकि 1901 प्रश्न ऑफलाइन पूछे गए। वहीं इसी बीच कांग्रेस विधायक फूलसिंह बरैया ने सदन की कार्यवाही लाइव दिखाई जाने की मांग भी की है। उनका कहना है, कि सदन के अंदर की हकीकत भी जनता के सामने आनी चाहिए।
इस बार कांग्रेस ने पेपर लीक, बढ़ते अपराध, राज्य की वित्तीय स्थिति, नर्सिंग घोटाले के मुद्दे पर सरकार को घेरने की योजना बनाई है। कांग्रेस ने सत्र के दौरान श्वेत पत्र जारी करने की भी मांग की है। इस बार सत्र की कार्यवाही लाइव करने की भी मांग की गई है। कांग्रेस के दो विधायक रामनिवास रावत और निर्मला सप्रे बीजेपी में शामिल हो गए हैं।
ऐसे में इस सत्र के दौरान विधानसभा में बैठने की व्यवस्था में बदलाव होगा। कांग्रेस ने विधानसभा अध्यक्ष की कार्यमंत्रणा समिति में रामनिवास रावत की जगह दतिया विधायक राजेंद्र भारती को शामिल किया है।
अब तक रामनिवास रावत वरिष्ठता के कारण विपक्ष की चौथी सीट पर बैठे थे, लेकिन अब उनकी जगह जबलपुर पूर्व विधायक लाखन घनघोरिया बैठेंगे। पहले स्थान पर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, दूसरे स्थान पर पूर्व सीएम कमल नाथ और तीसरे स्थान पर अजय सिंह के बाद चौथे स्थान पर लखन घनघोरिया बैठेंगे।
विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले सीएम मोहन यादव ने मंत्रियों के साथ बैठक की। विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले सुबह 10 बजे विधानसभा में मोहन कैबिनेट की बैठक हुई, जिसमें बजट समेत कई अहम मुद्दों पर चर्चा की गई। माना जा रहा है कि इस बैठक में सदन में पेश किये गये विधायकों को कैबिनेट में रखा जा सकता है।
विधानसभा सत्र के दौरान सभी 230 विधायकों को संविधान की किताब भी मिलेगी. क्योंकि मध्य प्रदेश विधानसभा ने सभी 230 विधायकों को पत्र भेजकर बजट सत्र के दौरान विधायकों को संविधान की किताब ले जाने को कहा है। हाल ही में विधानसभा में 250 किताबें खरीदी गई हैं, जिन्हें विधायकों के लिए ऑर्डर किया गया है।