Nagpur News: हाईवे पर बाइक पर बांधा पत्नी का शव, वजह जान शॉक्ड रह गए लोग


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स्टोरी हाइलाइट्स

Nagpur News: अमित ने राहगीरों से माँगी मदद, किसी के आगे ना आने पर लिया कड़ा फ़ैसला..!!

Nagpur News: रक्षाबंधन सोमवार 9 अगस्त को नागपुर-जबलपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक दर्दनाक मंज़र देखने को मिला। एक ऐसा नज़ारा, जिससे राहगीरों का दिल दहल उठा और उनकी आँखों में आंसू आ गए। वो दृश्य जिसने सड़क से गुज़र रहे लोगों को झकजोरकर रख दिया। 35 वर्षीय अमित यादव अपनी पत्नी ग्यारसी के शव को मोटरसाइकिल से बाँधकर ले जा रहा था। सड़क पर लोग स्तब्ध थे, कुछ ने उसे रोकने की कोशिश भी की, लेकिन वह बिना रुके आगे बढ़ता रहा।

लेकिन इस अजीबोगरीब दृश्य के पीछे एक दिल दहला देने वाली कहानी थी। रक्षाबंधन के दिन एक दुखद हादसा हुआ। अमित यादव अपनी पत्नी ग्यारसी के साथ नागपुर जिले के लोनारा से देवलापार होते हुए करणपुर जा रहे थे। दोनों त्यौहार मनाने निकले थे। लेकिन रास्ते में अचानक एक ट्रक ने उन्हें टक्कर मार दी। पीछे बैठी ग्यारसी सड़क पर गिर पड़ी और कुछ ही देर में उसी ट्रक के पहियों के नीचे कुचल गई। उसकी मौके पर ही मौत हो गई।

ट्रक चालक ने ट्रक नहीं रोका। हादसे से अमित को गहरा सदमा लगा। रोते-बिलखते हुए, उसने आते-जाते वाहनों से मदद मांगी, हाथ जोड़े, लेकिन किसी ने गाड़ी नहीं रोकी। किसी की हिम्मत नहीं हुई कि उसे कंधा दे। असहाय और अकेले अमित ने एक कठिन, दर्दनाक फैसला लिया। उसने अपनी पत्नी के शव को अपनी मोटरसाइकिल से बाँधा और गाँव की ओर चल पड़ा। हाईवे पर यह दृश्य देखने वालों के लिए अजीब और चौंकाने वाला था। कोई समझ नहीं पा रहा था कि यह आदमी ऐसा क्यों कर रहा है। डर और सदमे से व्याकुल अमित ने अपनी बाइक नहीं रोकी।

आखिरकार, हाईवे पुलिस ने उसे मोरफटा इलाके में रोक लिया। पुलिस ने जब पूरी कहानी सुनी, तो सबके चेहरे गंभीर हो गए। ग्यारसी के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए नागपुर के इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज भेज दिया गया और अमित को पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया गया।

मध्य प्रदेश के सिवनी निवासी अमित और नागपुर ज़िले के लोनारा निवासी ग्यारसी पिछले 10 सालों से लोनारा में रहकर अपना गुज़ारा कर रहे थे। रक्षाबंधन के दिन, जब बाकी लोग राखी और मिठाइयों में व्यस्त थे, इन दोनों के साथ यह दुखद घटना घटी। 

इस घटना के एक बार फिर समाज और समाज के लोगों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या हम इतने असंवेदनशील हो गए हैं, जिसके चलते अमित जैसे कईयों को ऐसा कदम उठाना पड़ता। ये  मात्र एक दुर्घटना नहीं बल्कि समाज को धता दिखाता वो सच है, जो हमें सोचने पर मजबूर कर देता है, कि लोगों में इंसानियत कब जागेगी?