कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर नौकरशाही और सशस्त्र बलों राजनीतिकरण को बढ़ावा देने वाले आदेशों को तुरंत वापस लेने का आग्रह किया है। खड़गे ने आरोप लगाया कि सरकार की सभी एजेंसियां, संस्थान, हथियार, सेना और विभाग अब मोदी सरकार के आधिकारिक तौर पर प्रचारक बन गए हैं।
खड़गे ने कहा है कि भारत सरकार के संयुक्त सचिव, निदेशक और उप सचिव जैसी उच्च रैंक के अधिकारियों को बीते 9 साल की मोदी सरकार की उपलब्धियों को बताने के लिए देश के सभी 765 जिलों में रथ प्रभारियों के रूप में तैनात किया जाना है। यह कई कारणों से चिंता का विषय है। खड़गे ने आरोप लगाया कि यह केंद्रीय सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1964 का स्पष्ट उल्लंघन है। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि अगर सरकार की मार्केटिंग गतिविधियों के लिए विभागों के सीनियर अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की जाती है तो हमारे देश का शासन अगले छह महीनों तक रुक जाएगा।
इसके अलावा खड़गे ने रक्षा मंत्रालय के 9 अक्टूबर, के एक आदेश का हवाला देते हुए कहा, सैनिकों को वार्षिक छुट्टी पर सरकारी योजनाओं को बढ़ावा देने में समय बताने का निर्देश दिया गया था, उन्हें सैनिक राजदूत बनाया गया था। सेना प्रशिक्षण कमान, जिसे राष्ट्र की रक्षा के लिए हमारे जवानों को तैयार करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, वो सरकारी योजनाओं को बढ़ावा देने के लिए स्क्रिप्ट और प्रशिक्षण नियमावली तैयार करने में व्यस्त है।