भोपाल।केंद्र सरकार द्वारा विनियमन करने के बाद राज्य के प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने ताप विद्युत गृहों से निकलने वाले फ्लाई एश यानि राखड़ के उपयोग के संबंध में नये सिरे से सभी निर्माण विभागों को निर्देश जारी किये हैं।
जारी निर्देश में कहा गया है कि ताप विद्युत गृहों के 300 किमी परिधि में होने वाले कार्यों जैसे- सडक़ बिछाने, सडक़ और फ्लाई ओवर के इम्बेकमेंट एवं बांध निर्माण में भारतीय मानक ब्यूरो, भारतीय रोड कांग्रेस, केन्द्रीय भवन अनुसंधान संस्थान, रूडक़ी, केन्द्रीय सडक़ अनुसंधान संस्थान दिल्ली, केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग, राज्य लोक निर्माण विभाग और अन्य केन्द्रीय और राज्य सरकार के अभिकरणों द्वारा निर्धारित किये गये विनिर्देशों और दिशा निर्देशों के अनुसार फ्लाई एश का उपयोग किया जाये।
ताप विद्युत गृहों के 300 किमी परिधि में होने वाले सभी भवन निर्माण परियोजनाओं (केन्द्रीय, राज्य और स्थानीय प्राधिकरण, सरकारी उपक्रम, अन्य सरकारी एजेंसियां) फ्लाई एश से निर्मित ईटों, टाइलों, सिन्टर्ड एश एग्रीगेट या अन्य फ्लाई एश आधारित उत्पादों का उपयोग करें।
सभी स्थानीय प्राधिकरण भवन निर्माण, सडक़ निर्माण, इम्बेंकमेंट निर्माण एवं अन्य निर्माण क्रियाकलापों में फ्लाई एश आधारित उत्पादों जैसे-ईटों, ब्लॉक्स, टाइलों, सिन्टर्ड या कोल्ड बॉन्डेड एश एग्रीगेट, फाइबर सीमेंट शीट, पाईप, बोर्ड, पैनल के उपयोग के संबंध में अपने संबंधित उपनियमों और अन्य सुसंगत उपनियमों में प्रावधान करें। सभी निर्माण एजेंसियां फ्लाई एश के उपयोग संबंधी वार्षिक जानकारी निर्धारित प्रपत्र में मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को उपलब्ध करायें।
सारणी ताप गृह ने नि:शुल्क की फ्लाई एश :
केंद्र सरकार के नये विनियमों के तहत प्रदेश के सारणी में स्थित सतपुड़ा थर्मल पावर प्लांट ने उसके यहां भारी मात्रा में जमा फ्लाई एश को नि:शुल्क कर दिया है तथा कहा है कि निर्माण एजेन्सियां उसके यहां से बिना कोई शुल्क दिये इसका परिवहन कर ले जा सकती हैं।