मध्य प्रदेश के 10 लाख से अधिक कर्मचारियों और साढ़े चार लाख पेंशनर्स के अवकाश पर नये पेंशन नियम लागू होंगे। इसके लिए वित्त विभाग की एक समिति ने मसौदा तैयार कर लिया है। इस पर विचार करने के लिए विभाग ने शुक्रवार को समिति सदस्यों के साथ बैठक बुलाई है, जिसमें सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव, पेंशन निदेशक और रियल एस्टेट विनियामक प्राधिकरण के वित्तीय सलाहकार मिलिंद वायकर विशेषज्ञ के रूप में भाग लेंगे।
इसमें मसौदा नियमों पर विचार किया जा सकता है और उन्हें अंतिम रूप दिया जा सकता है। इन नियमों को 31 मार्च से पहले लागू करने की तैयारी चल रही है। वित्त विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पेंशन नियम 1976 के हैं।
इसमें समय-समय पर संशोधन किया गया है, लेकिन भारत सरकार द्वारा किए गए कुछ प्रावधानों पर अभी तक निर्णय नहीं लिया गया है। पेंशनर्स एसोसिएशन द्वारा यह मांग लंबे समय से की जा रही थी। कर्मचारी आयोग ने सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद एक रिपोर्ट तैयार की और प्रस्तुत की।
इस संबंध में पेंशन निदेशालय से भी राय ली गई है। अब वित्त विभाग द्वारा गठित एक समूह ने भी रिपोर्ट की जांच कर एक मसौदा तैयार कर लिया है। सूत्रों का कहना है कि 25 वर्ष से अधिक आयु की अविवाहित बेटियों, विधवाओं और परित्यक्ता महिलाओं को पारिवारिक पेंशन का लाभ देने का प्रावधान प्रस्तावित किया गया है।
इससे पेंशन प्रकरण के साथ सेवा पुस्तिका भेजने की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी। दरअसल, पूरी प्रणाली ऑनलाइन हो गई है। ऐसी स्थिति में सेवा पुस्तिका अलग से भेजने का कोई वैध कारण नहीं है।
यदि पेंशनभोगी का आश्रित 25 वर्ष की आयु से पहले विकलांग हो जाता है, तो वह आजीवन पारिवारिक पेंशन के लिए पात्र होता है। इस आयु सीमा के बाद यदि कोई दिव्यांग हो जाता है तो उसे पारिवारिक पेंशन का लाभ नहीं मिलता। इस मुद्दे पर निर्णय समिति द्वारा लिया जाएगा।