संबल योजना में अपात्र तेंदूपत्ता संग्राहकों को अब संघ देगा लाभ


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स्टोरी हाइलाइट्स

संबल योजना-2.0 में सिर्फ एक हैक्टेयर तक की भूमि वाले तेंदूपत्ता संग्राहकों को ही लाभ मिल पाता है जबकि अनेक तेदूपत्ता संग्राहक ऐसे हैं जिनके पास 1 हैक्टेयर से अधिक कृषि भूमि है परन्तु कंकरीली-पथरीली भूमि होने के कारण इन भूमियों पर उपज बहुत कम है..!!

भोपाल: राज्य सरकार के श्रम विभाग द्वारा संचालित संबल योजना-2.0 का लाभ लेने हेतु अपात्र तेंदूपत्ता संग्राहकों को अब वन विभाग के अधीन कार्यरत एमपी लघु वनोपज संघ अपने पास से सहायता राशि प्रदान करेगा। इसके लिये संघ नीति तैयार करेगा।

उल्लेखनीय है कि संबल योजना-2.0 में सिर्फ एक हैक्टेयर तक की भूमि वाले तेंदूपत्ता संग्राहकों को ही लाभ मिल पाता है जबकि अनेक तेदूपत्ता संग्राहक ऐसे हैं जिनके पास 1 हैक्टेयर से अधिक कृषि भूमि है परन्तु कंकरीली-पथरीली भूमि होने के कारण इन भूमियों पर उपज बहुत कम है। इसलिये संघ ने श्रम विभाग से संबल योजना की शर्तों में बदलाव कर दो हैक्टेयर से अधिक भूमि वाले तेंदूपत्ता संग्राहकों को भी इस योजना का लाभ देने का आग्रह किया हुआ है। चूंकि इस बदलाव में काफी वक्त लग सकता है, इसलिये एक हैक्टेयर से अधिक कृषि भूमि वाले तेंदूपत्ता संग्राहकों को संघ अपने पास से सहायता राशि देगा जिसका उसने निर्णय लिया है कि इसके लिये नीति तैयार की जायेगी।

उल्लेखनीय है कि संबल योजना- 2.0 लागू होने के पूर्व संघ तेंदूपत्ता संग्राहकों के लिये 1 अप्रैल 2018 से मुख्यमंत्री कल्याण योजना चलाता था जिसमें सामान्य मृत्यु पर दस हजार रुपये, आंशिक अपंगता पर 20 हजार रुपये, पूर्ण अपंगता पर 50 हजार रुपये एवं दुर्घटना में मृत्यु पर 2 लाख रुपये की सहायता संघ द्वारा अपने बजट से दी जाती थी। हालांकि संबल योजना-2.0 में पात्र तेंदूपत्ता संग्राहकों को अंत्येष्टि सहायता हेतु 5 हजार रुपये, सामान्य मृत्यु सहायता हेतु 2 लाख रुपये, दुर्घटना मृत्यु सहायता हेतु 4 लाख रुपये, आंशिक दिव्यांगता सहायता हेतु 1 लाख रुपये एवं स्थायी दिव्यांगता सहायता हेतु 2 लाख रुपये देने का प्रावधान है। इसलिये अब इसी तर्ज पर संबल योजना-2.0 में अपात्र तेंदूपत्ता संग्राहकों को संघ अपने बजट से सहायता राशि देने की नीति तैयार करेगा।