भोपाल: उज्जैन में वर्ष 2028 में होने वाले सिंहस्थ के लिये अभी से पार्किंग की व्यवस्था का प्लान तैयार किया जा रहा है। राज्य शासन ने उज्जैन संभागायुक्त से कहा है कि उज्जैन सिंहस्थ क्षेत्र से 50 किमी की दूरी पर आने वाले प्रमुख मार्गों पर पड़ने वाले सभी नगर तथा बड़े स्थानों पर भी पार्किंग व्यवस्था उपयुक्त मैदानों एवं शासकीय भूमियों अथवा निजी भूमियों पर चिन्हित करना आवश्यक होगा, क्योंकि विगत दस वर्षों में छोटे-बड़े वाहनों की संख्या में अत्यधिक वृद्धि हुई है।
इस प्रकार, दूर के स्थानों पर पार्किंग व्यवस्था के साथ जनसुविधाओं, भोजन, पानी एवं आवास की व्यवस्था भी आसानी से की जा सकेगी। इन स्थानों से सिंहस्थ क्षेत्र में उज्जैन आने के लिये अल्प अंतराल काल से नि:शुल्क यात्री बसें (जो इलेक्ट्रिक बसें हो सकती हैं) चलाये जाने से शहरों में वाहनों के यातायात का दबाव काफी हद तक कम किया जा सकता है। इसलिये इस प्रकार की दूरस्थ पार्किंग व्यवस्था के स्थानों का चिन्हांकन कर वहां पर भूमि की उपलब्धता का प्रारंभिक आंकलन उज्जैन संभागायुक्त द्वारा किया जाये।
राज्य शासन ने उज्जैन कलेक्टर से भी कहा है कि वाहन पार्किंग के विषय में सेटेलाइट टाउन भूमि की अवधारणा को संशोधित करते हुये शहर के बाहर उन स्थानों को चिन्हित किया जाये, जो वृहद पार्किंग के लिये उपयोग किये जा सकते हैं।
इसके लिये शासकीय भूमि एवं अधिग्रहण की जाने वाली भूमि चिन्हांकित की जाये। शेष स्थानों यथा चिंतामन गणेश, मंगलनाथ, कालभैरव, शनि मंदिर एवं अंगारेश्वर मंदिर के साथ-साथ पार्किंग की वृहद व्यवस्था सुनिश्चित की जाये। इस संबंध में मंदिरों की संचित राशि का उपयोग भी स्थाई एवं अस्थाई मुआवजा के रूप में किये जाने का परीक्षण किया जाये।