पेच माइक्रो इरीगेशन वन सिचाई परियोजना…


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स्टोरी हाइलाइट्स

कमीशन के चक्कर में अधिकारियों ने बगैर काम के दिये 90 करोड़ रुपए एडवांस..!!

भोपाल: छिंदवाड़ा जिले में सिंचाई का रकबा बढ़ाने के लिए तत्कालीन कमलनाथ सरकार ने 176.19 को पेंच माइक्रो इरीगेशन कॉम्प्लेक्स 1 छिंदवाड़ा को 138 करोड़ रुपए का ठेकेदार से एग्रीमेंट किया था जिससे 12800 हेक्टेयर जमीन में प्रेसराइन्ड पाईप से सिंचाई प्रणाली से सिंचाई होगी। 

यह परियोजना माचागोरा बांध से जुड़ी है माचागोरा बांध से पानी कुंओं में भरा जावेगा और पाइप के माध्यम से पानी खेतों में जाएगा। इस ठेके का ठेकेदार मेसर्स एच ई एस इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड हैदराबाद की है। कमलनाथ की सरकार डेढ़ साल में चली गई और शिवराज की सरकार साढ़े तीन साल चली किन्तु इस परियोजना में सामग्री और पाइप के नाम पर विभाग ने ठेकेदार कम्पनी को 90 करोड़ रुपये एडवांस दिए गये किन्तु कम्पनी ने एडवांस लेकर धरातल पर कोई काम नहीं किया। क्षेत्र में कहीं कहीं थोडे से पाइप दिखाई देते हैं। 

अधिकारियों के दबाव में फरवरी 2020 में तत्कालीन कार्यपालन यंत्री आशीष महाजन ने 12 करोड़ पाइप के नाम पर एडवांस दे दिया जब शिकायत हुई तो आशीष महाजन को निलंबित कर दिया गया।

आशीष महाजन के बाद आरके भलावी को कार्यपालन यंत्री बनाया गया और उन्होंने 38 करोड़ रुपए ठेकेदार को एडवांस दिया, इनकी शिकायत होने के बाद इन्हें यहां से हटा दिया गया, किन्तु विभाग ने इन पर कोई कार्रवाई नहीं की जबकि इन्हें निलंबित करना था। आर के भलाची के बाद संत कुमार सिरसाम जो सहायक यंत्री हैं, को प्रभारी कार्यपालन यंत्री बनाकर भेजा गया संत कुमार सिरसाम ने भी अभी तक 40 करोड़ रुपए सामग्री और पाइप के नाम पर एडवांस दिया। इस परियोजना में अभी तक 90 करोड़ रुपये एडवांस दिए गए किन्तु कार्य में कोई प्रगति नहीं है। 

मात्रागोरा बांध से संलग्न तीन परियोजनाएं चल रही हैं, जिसमें पेंच सिंचाई परियोजना क्रमांक 2 यह परियोजना 260 करोड़ रूपए की है। इसमें ठेकेदार को 200 करोड़ रूपए भुगतान कर दिया गया। इसके साथ जमुनिया परियोजना चल रही है, जिसका ठेकेदार रीवा का विजय मिश्रा है। विभाग ने इसे भी जरूरत से ज्यादा एडवांस देकर रखा गया है।

भ्रमित जानकारी देते अधिकारी

भाजपा नेता शैलेन्द्र रघुवंशी ने बताया कि पेंच वन में कोई काम नहीं हुआ है। किन्तु अधिकारियों द्वारा पेंच टू एवं जमुनिया का कार्य पेंच वन में बताकर उन्हें भ्रमित किया जा रहा है। पिछले दिनों शैलेन्द्र रघुवंशी मुख्यमंत्री मोहन यादव से मिले थे और सिंचाई परियोजना पर चर्चा कर वास्तविक स्थिति को जानकारी दी थी, उन्होंने नहर के टूटने की जानकारी भी दी है।