भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने उज्जैन दौरे के दौरान महाकाल मंदिर में पूजा-अर्चना कर महादेव का आशीर्वाद लिया है। राष्ट्रपति ने महाकाल मंदिर में पंचामृत अभिषेक पूजा की और महाकाल लोक का निरीक्षण किया।
राष्ट्रपति मुर्मू, राज्यपाल मंगू भाई पटेल और मुख्यमंत्री मोहन यादव ने झाडू लगाकर महाकाल मंदिर की सफाई भी की। इसके बाद राष्ट्रपति इंदौर के लिए रवाना हो गईं, जहां वह देवी अहिल्या बाई यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में हिस्सा लेंगी।
इसके बाद राष्ट्रपति ने कहा कि महाकाल की नगरी उज्जैन की संस्कृति और सभ्यता की परंपरा सदियों से कायम है। इसके साथ ही यह शहर अंतरराष्ट्रीय व्यापार का केंद्र भी रहा है।
इससे पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उज्जैन-इंदौर सिक्स लेन हाईवे का वर्चुअल भूमि पूजन किया और उज्जैन के 5 सफाई मित्रों को सम्मानित किया।
अपने सार्वजनिक सेवा अनुभवों को साझा करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने स्वच्छता के क्षेत्र में काम करके अपनी यात्रा शुरू की। अधिसूचित क्षेत्र परिषद के अध्यक्ष के रूप में, मैं प्रतिदिन एक वार्ड से दूसरे वार्ड में जाती थी और स्वच्छता कार्य की निगरानी करती थी।
उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में स्वच्छता अभियान ने राष्ट्रव्यापी स्वरूप ले लिया है और अभूतपूर्व परिवर्तन लाया है। राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि उन्हें खुशी है कि मध्य प्रदेश के कई शहरों को "सफाई मित्र सुरक्षित शहर" घोषित किया गया है।
उन्होंने 2025 तक चलने वाले स्वच्छ भारत मिशन के दूसरे चरण के दौरान संपूर्ण स्वच्छता के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में काम करने की बात कही। उन्होंने सफाई मित्र परिषद में अपना संबोधन "जय महाकाल" के नारे के साथ शुरू और खत्म किया।
इस मौके पर राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने उज्जैन-इंदौर सिक्स लेन हाईवे का उद्घाटन करते हुए कहा कि यह हाईवे आध्यात्मिक और सांस्कृतिक शहर उज्जैन आने वाले तीर्थयात्रियों को सुविधा प्रदान करेगा। उन्होंने इसे मध्य प्रदेश के पर्यटन, सामाजिक और धार्मिक विकास में महत्वपूर्ण योगदानकर्ता बताया।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान में मध्य प्रदेश ने देश में दूसरा स्थान हासिल किया है। इंदौर को लगातार सात बार देश के सबसे स्वच्छ शहर के रूप में मान्यता दी गई है और भोपाल को सबसे स्वच्छ राजधानी का पुरस्कार दिया गया है। यह राज्य के लिए गौरव की बात है।