पुरस्कार की जगह सजा उचित नहीं, कोर्ट की टिप्पणी


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स्टोरी हाइलाइट्स

एसीएस, डिप्टी सचिव और वनबल प्रमुख को नोटिस..!!

भोपाल: 70 एकड़ वन भूमि पर मैहर सीमेंट फैक्ट्री के अवैध कब्जे का खुलासा करने वाले अधिकारियों को पुरस्कार की जगह निलंबन की सजा कैसे दे दी गई। यह उचित नहीं है।

यह प्रतिकूल टिप्पणी हाईकोर्ट ने गुरुवार को इस मामले में निलंबित किए गए एसडीओ वन और रेंजर के निलंबन के विरुद्ध दायर याचिका की सुनवाई के दौरान की। हाईकोर्ट ने कहा कि इतने साल पुराने (2002 के) अतिक्रमण में जिन अधिकारियों ने कार्रवाई की उन्हें रिवार्ड देने की जगह सजा दी गई है। यह उचित नहीं है। हाईकोर्ट ने इस आधार पर स्टे देते हुए शासन से जवाब तलब किया है।

उल्लेखनीय है कि  फरवरी में एसडीओ वन मैहर यशपाल मेहरा ने 22 साल से चली आ रही फैक्ट्री की गड़बड़ पकड़ी थी और 70 एकड़ जमीन पर उसके कब्जे का खुलासा किया था। इस आधार पर उन्होंने फैक्ट्री के विरुद्ध वन अपराध कायम किया था। 

इसे सराहने के स्थान पर सरकार के स्तर पर उन्हें निलंबित कर दिया गया। उनके साथ रेंजर सतीश मिश्रा को भी निलंबित कर दिया गया था। ये दोनों अधिकारी इसके विरुद्ध हाई कोर्ट चले गए थे, जहां से एसीएस वन, डिप्टी सेकेट्री, वनबल प्रमुख, सीसीएफ और डीएफओ को नोटिस भी जारी किए गए हैं।