भोपाल: रेडिएन्ट इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एण्ड सांइस कॉलेज इन्दौर तमाम गंभीर कमियों के बावजूद संचालित किया जा रहा है। रेडिएंट कॉलेज के संचालन के लिए न तो पर्याप्त जमीन है और न ही खेल मैदान और पर्याप्त पार्किंग की व्यवस्था है। केवल कुल 12574 वर्ग फिट कॉरपेट एरिया में बनी एक मंजिल बिल्डिंग में ही कॉलेज संचालित हो रहा है।
जबकि मानदंड के अनुसार 18000 वर्गफिट का कॉरपेट चाहिए। इन्हीं कमियों के चलते ही आयुक्त उच्च शिक्षा ने संबद्धता ने निरस्त करने के आदेश दिए थे, जिसे डीएवीवी इंदौर के कुलगुरु कुलसाचिव ने डस्टबिन में डाल दिया है। इसकी मुख्य वजह कॉलेज के संचालकों रसूख बताया जा रहा है।
पिछले दो वर्षों से लगातार गंभीरत शिकायतें हो रही है पर आज तक जांच उसकी जांच तक नहीं हुई। इस कॉलेज की कर्ताधर्ता कांग्रेस नेत्री रीना बौरासी है। इसी के चलते 10 जनवरी 25 को उच्च शिक्षा विभाग द्वारा अतिरिक्त संचालक के साथ डीएवीवी के कुलसचिव अजय वर्मा को इस पूरे मामले में तीन दिन में जानकारी भेजने की बात कही है किन्तु आज दिनांक तक कोई जांच तक नहीं हुई।
पिछले वर्ष अक्टूबर माह में भोपाल से उच्च शिक्षा आयुक्त निशांत वड़वड़े ने भी एक पत्र लिखा था, जिसमें यह लिखा था कि रेडिएन्ट इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एण्ड साइंस इन्दौर को उनके पत्र क्रमांक आरआईएमएस 198/24 दिनांक 16 फरवरी 2024 के संदर्भ में रेडिएन्ट इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एण्ड सांइस इन्दौर सेक्टर-ए, बख्तावर रामनगर, इंदौर से नवीन स्थल फीनिक्स सिटाडेल मॉल के पास, इन्दौर-देवास बायपास रोड निपानिया, इन्दौर किये जाने संबंधी कार्यालयीन आदेश कमांक 446/86/आउशि/संबद्धता/2024 दिनांक 23 जुलाई 2024 को एतद द्वारा तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाता है। इस कॉलेज की कर्ताधर्ता रीना बौरासी है।
पूर्व में यहां कॉलेज किराए की बिल्डिंग में चल रहा था जिसके बाद तमाम शिकायत होने के बाद संचालक ने पुरानी बिल्डिंग को खाली कर दिया था। कॉलेज में जब उच्च शिक्षा विभाग एवं डीएवीवी के द्वारा पूर्व में जांच की गई थी तो कई खामियां भी सामने आई थी। इसके बाद से ही लगातार रेडिएंट कॉलेज का मामला गर्माता जा रहा है कि अब जब अब किस आधार पर दूसरी जगह अनुमति दी गई है। पत्र में साफ लिखा कि नए परिसर में इस कॉलेज में व्याप्त समस्याओं को देखते हुए इसकी अनुमति निरस्त की जाती है।
आज दिनांक तक यह कॉलेज किसकी शह पर चल रहा है?
रेडिएन्ट इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एण्ड सांइस इन्दौर के संदर्भ में डीएवीवी एवं उच्च शिक्षा विभाग के अतिरिक्त संचालक आरसी दीक्षित द्वारा कोई उचित जवाब नहीं दिया गया। इसी से नाराजगी जताते हुए एक बार पुनः 10 जनवरी 25 को उच्च शिक्षा विभाग ने इस पर कोई उचित कार्यवाही नहीं होने पर डीएविवि के कुलसचिव अजय वर्मा पत्र लिखकर मात्र 3 दिन में ही मेल पर ही रिपोर्ट भेजने को कहा है पर आज तक उच्च शिक्षा विभाग तक जानकारी नहीं पहुंची। आयुक्त, उच्च शिक्षा के आदेश दिनांक 14 अक्टूबर 24 द्वारा कई कमियां पाये जाने पर संस्था को स्थान परिवर्तन की दी गई अनुमति निरस्त किया गया है।
रेडियंट मेनेजमेंट एण्ड साइंस कॉलेज की प्रमुख कमियां..
* प्राचार्य, अग्रणी माता जीजाबाई शासकीय कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय, इन्दौर द्वारा जारी दूरी संबंधी प्रमाण-पत्र प्राचार्य, अशासकीय रेडियंट इंस्टीट्यूट ऑफ मेनेजमेंट एण्ड साईस, इन्दौर के शपथ पत्र पर आधारित होने तथा परिवर्तन हेतु स्थल को ग्रामीण क्षेत्र/नगर निगम क्षेत्र में दर्शाया गया जबकि प्रमाण-पत्र दिनांक 20 मई 2024 स्पष्ट नहीं है।
* 30 वर्षीय लीज के भवन में महाविद्यालय संचालन का प्रावधान है। जबकि लीज डीड 04 वर्ष 11 माह की है।
* नवीन परिसर में विद्यमान महाविद्यालय स्थानांतरित किए जाने हेतु नगरीय क्षेत्र में 02 एकड़ भूमि तथा ग्राम पंचायत क्षेत्र में 05 एकड़ मूमि होना आवश्यक है। समिति के नाम पर भूमि नहीं है।
* महाविद्यालय परिसर का क्षेत्रफल कम से कम 15,000 वर्गफिट होना अनिवार्य होगा। जबकि कुल क्षेत्रफल कुल 6,287 स्क्वेयर फीट है।
* 2 स्नातक स्तर के संकाय हेतु निर्मित क्षेत्रफल 10,000 तथा अतिरिक्त प्रति स्नातक स्तर के संकाय हेतु 3,000 एवं स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम हेतु 1,000 वर्गफिट का अतिरिक्त निर्मित क्षेत्रफल होना आवश्यक है। भवन में भूतल पर 6,287, प्रथम तल पर 6,287 इस प्रकार कुल निर्मित क्षेत्रफल 12,574 वर्गफीट है, जबकि नियमानुसार 18,000 स्क्वेयर फीट होना आवश्यक है।
* खेल मैदान/पार्किंग की प्रमाणिक जानकारी एवं समिति के सदस्यों की रजिस्ट्रार, फर्म्स एवं संस्थाएँ से अनुमोदित अद्यतन / वैध सूची उपलब्ध नहीं है।
रेडियंट इंस्टिट्यूट का मामला लोयुकायुक्त पहुंचा..
मानदंडों की अनदेखी कर रेडियंट इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एवं साईस इंदौर के संचालन में मदद करने के चलते शिवम ने डीएविवि के कुलपति राकेश सिंघई, रजिस्ट्रार अजय वर्मा, विश्वविधालय के अकादमिक विभाग एडीसी राजीव दीक्षित और रेडियंट इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एवं साईस इंदौर के आशीष सेतिया, संस्था के सचालकों के 5 फरवरी 25 को लोकायत में शिकायत दर्ज कराई है।
शिकायत में पद के दुरुप्रयोग कर कदाचरण और अनियमिता कर लाखों रूपये की हेराफेरी करने का आरोप लगाया है। शिकायत में यह भी कहा गया है कि शासन से रेडियंट इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एवं साईस इंदौर की संबद्धता निरस्त होने के उपरांत भी उन्हे इन्टस्टीयुट संचालन में मदद किया जाना कुलपति और रजिस्टार भ्रष्टाचार पूर्ण कृत्य को साबित करते हैं।