वनाधिकार और पेसा नियम टास्क फोर्स पर राजभवन की नजर


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स्टोरी हाइलाइट्स

राजभवन ने टास्क फोर्स की लम्बे समय से नहीं हुई बैठक करने के निर्देश दिये हैं..!!

भोपाल: मप्र राजभवन की अब वनाधिकार कानून एवं पेसा नियम के क्रियान्वयन की समीक्षा करने वाली राज्य स्तरीय टास्क फोर्स पर नजर है। राजभवन ने टास्क फोर्स की लम्बे समय से नहीं हुई बैठक करने के निर्देश दिये हैं। 

राजभवन में जनजातीय प्रकोष्ठ गठित है जो आदिवासियों के कल्याण संबंधी कार्यक्रमों की समीक्षा करती है। हाल ही में इस प्रकोष्ठ ने अपनी बैठक के एजेंडे में राज्य स्तरीय टास्क फोर्स के गठन पर चर्चा का विषय शामिल किया था। इस एजेंडे पर वन विभाग ने विवरण उपलब्ध कराया था कि मुख्य सचिव के आदेश दिनांक 22 अगस्त 2000 से जिला स्तरीय टास्क फोर्स का गठन किया गया है, जिसमें जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला पुलिस अधीक्षक एवं जिला वन मंडल अधिकारी सदस्य के रुप में नामांकित हैं। 

इसी प्रकार, मुख्य सचिव के एक अन्य आदेश दिनांक 20 अक्टूबर 2004 से जिला स्तरीय टास्क फोर्स की गतिविधियों की समीक्षा के लिये संभागीय आयुक्त की अध्यक्षता में समिति गठित करने हेतु निर्देशित किया गया जिसमें समिति के अन्य सदस्य के रुप में पुलिस महानिरीक्षक एवं संभाग के समस्त क्षेत्रीय वन संरक्षक रखे गये। 

संभागीय समिति को प्रत्येक तीन माह में जिला स्तरीय टास्क फोर्स की समीक्षा कर प्रमुख सचिव वन को अवगत कराने के लिये कहा गया था। लेकिन इस विवरण से जनजातीय प्रकोष्ठ सहमत नहीं हुआ तथा उसने याद दिलाया कि वनाधिकार कानून एवं पेसा नियम के लिये भी राज्य स्तरीय टास्क फोर्स बनाई गई है जिसमें अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास सदस्य सचिव हैं। लम्बे समय से इस राज्य स्तरीय टास्क फोर्स की कोई बैठक ही नहीं हुई है। 

इसलिये अब जनजातीय प्रकोष्ठ ने निर्देश दिये हैं कि इस राज्य स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक आयोजित करने के लिये अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास को निर्देशित किया जाये। अब इसकी बैठक शीघ्र आयोजित होगी जिसमें वनाधिकार कानून के तहत वन भूमि पर वनवासियों को पट्टे देने एवं पेसा नियम के तहत जनजाति वर्ग के कल्याण के लिये उठाये कदमों की समीक्षा होगी तथा इस समीक्षा की रिपोर्ट पर जनजातीय प्रकोष्ठ विचार करेगा।