अयोध्या में रामलला की मूर्ति की प्राणप्रतिष्ठा के लिए अनुष्ठान मंगलवार से प्रारंभ हो गए। वहीं मप्र की मोहन सरकार मंगलवार को चित्रकूट में भगवान राम वनगमन पथ को लेकर आठ जिलों में कराए जाने वाले कार्यों के सिलसिले में बैठक कर रही है। राम वनगमन पथ मप्र की सियासत में भी बीते पांच साल से एक विषय रहा है।
कांग्रेस ने भी इसके निर्माण आदि का वादा किया था। हालांकि करीब बारह साल पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने इस पथ निर्माण की बात चित्रकूट में ही कही थी। आज बैठक में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री दिल्ली से सीधे चित्रकूट पहुंचे हैं। इस बैठक में संस्कृति, पर्यटन, धर्मस्व राज्यमंत्री धर्मेन्द्र सिंह लोधी सहित संबंधित विभाग और जिलों के अधिकारी भी उपस्थित हैं। जबकि मुख्य सचिव भोपाल से वीरा राणा वर्चुअली शामिल हो रही हैं।
श्रीरामचंद्र पथगमन न्यास का काम केंद्र सरकार की तरफ से प्रदेश में चिह्नित श्रीराम वन गमन पथ के 23 स्थलों का विकास करना है। इनमें सतना, पन्ना, कटनी, जबलपुर, नर्मदापुरम, उमरिया, शहडोल और अनूपपुर जिले के स्फटिक शिला, गुप्त गोदावरी, अत्रि आश्रम, शरभंग आश्रम, अश्वमुनि आश्रम, सुतीक्ष्ण आश्रम, सिद्धा पहाड़, सीता रसोई, रामसेल, राम जानकी मंदिर, बृहस्पति कुंड, अग्निजिह्न आश्रम, अगस्त्य आश्रम, शिव मंदिर, रामघाट, श्रीराम मंदिर, मार्कडेय आश्रम, दशरथ घाट, सीता मढ़ी शामिल हैं।