मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि रानी दुर्गावती, राष्ट्र प्रेम और महिला सशक्तिकरण को प्रतीक थीं। उनके सम्मान में संग्रामपुर में मंत्रि-परिषद की बैठक हो रही है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि गोंड साम्राज्य की वीरांगना रानी दुर्गावती की 500 वीं जन्म वर्षगाँठ के अवसर पर हमने पूरे साल अलग-अलग प्रकार के कार्य करने का निर्णय किया था।
सीएम यादव ने कहा कि गोंड साम्राज्य की वीरांगना रानी दुर्गावती की 500वीं जयंती के अवसर पर हमने वर्ष भर विभिन्न प्रकार के कार्य करने का निर्णय लिया है। मुझे खुशी है कि सरकार बनने के साथ ही जनवरी में जबलपुर में रानी दुर्गावती और वीरांगना की रानी अवंतीबाई के नाम पर पहली कैबिनेट बैठक हुई। फिर 5 अक्टूबर को उनके जन्मदिन के मौके पर शनिवार को बहादुर रानी दुर्गावती की पहली राजधानी सिंग्रामपुर में कैबिनेट की बैठक हो रही है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हमें इस बात पर गर्व होना चाहिए कि हमारी वीरांगना रानी दुर्गावती ने उस समय देश की कठिन परिस्थितियों में न केवल सुशासन बल्कि वीरता की भी महान मिसाल कायम की।
सीएम यादव ने कहा कि उन्होंने न सिर्फ देश के सभी विरोधियों का बहादुरी से मुकाबला किया, बल्कि सुशासन की मिसाल भी कायम की। महिला सशक्तिकरण का इससे बड़ा कोई उदाहरण नहीं हो सकता कि रानी दुर्गावती एक तरह से अपने राज्य की रक्षा करते हुए अपनी बहनों के साथ सेना का नेतृत्व करती थीं।
उन्होंने दुश्मन के खिलाफ लड़ाई लड़ी और मौका मिलने पर देश के लिए खुद को बलिदान कर दिया। सीएम ने कहा कि इस अवसर पर ''श्री अन्न प्रोत्साहन'' की नई योजना भी शुरू की जा रही है जिसमें वर्ष 2024-25 में कोदो-कुटकी उत्पादक किसानों को प्रोत्साहित किया जायेगा। इसके लिए राज्य सरकार मोटे अनाज वाली फसल पैदा करने वाले किसानों की मदद करेगी।
सीएम ने कहा कि इन सभी गतिविधियों के पीछे की भावना हमारे अतीत के उन सभी गौरवशाली महापुरुषों और वीर नारियों को याद करना है जिन्होंने हमारे देश और प्रदेश को गौरवान्वित किया है।