Ratlam News: कैटवाक ये शब्द सुनते ही मन मस्तिष्क में दुबली-पलती छरहरी काया वाली मॉडल्स की छवि कौंध जाती है। लेकिन आज हम जिस कैटवॉक के बारे में बताने जा रहे हैं, वो थोड़ा हटके है। ये अपनी ही तरह का अलग और अनोखा कैटवॉक कोई और नहीं बल्कि मध्य प्रदेश की रतलाम पुलिस की पहल पर हो रहा है। इतना सब पढ़कर अब आप भी सोच में पड़ गए होंगे कि इस कैटवॉक में आखिर क्या खासियत है। तो चलिए आपकी सभी शंकाओं का समाधान हम किए देते हैं।
दरअसल शराब पीकर गाड़ी चलाने की घटनाएं आम हैं। इस लापरवाही के चलते कई निर्दोष लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है। इसी पर लगाम लगाने और शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों का पता लगाने के लिए रतलाम पुलिस ने एक गज़ब की तरकीब अपनाई है।
रतलाम पुलिस ब्रीथ एनालाइजर न होने पर शराबियों को 'रैम्प वॉक' करवा रही है। जिसके चलते शराब पीने के शक में रोके गए लोग चूने की बनाई कुछ लाइनों पर रैंप वॉक करते नज़र आ रहे हैं। यह कोई फैशन शो या स्टेज कैटवॉक नहीं बल्कि शराबियों की मानसिक और शारीरिक फिटनेस जांचने के लिए एक टेस्ट है। और तो और इस रैंपवॉक के दौरान जिसकी चाल बिगड़ी उसकी पर्ची कटी।
रतलाम पुलिस द्वारा शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों चूने की लाइनों के रैंप पर चलवाकर परीक्षण किया जा रहा है। आपको बता दें कि अगर इस चूने की लाइन में चलते समय वाहन चालक लड़खड़ा जाए तो समझ लें कि वह नशे में है। जिसके बाद मेडिकल परीक्षण कराकर उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
रतलाम एसपी अमित कुमार के निर्देश पर शराब पीकर सड़क पर वाहन चलाने वालों के खिलाफ यह प्रभावी कार्रवाई की जा रही है। जिसके तहत जिले के ग्रामीण और अंदरूनी इलाकों में लाइन लगाकर संदिग्ध शराबियों की जांच की जा रही है।
दरअसल शराब पीकर गाड़ी चलाने के कारण शहरों की तुलना में ग्रामीण इलाकों में अधिक दुर्घटनाएं और मौतें होती हैं। जिले में कई ऐसे पुलिस थाने और चौकियां हैं, जहां शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों की जांच के लिए ब्रेथ एनालाइजर नहीं हैं।
ऐसे में पुलिस अनोखे तरीके से वाहनों को रोककर चालकों का परीक्षण कर रही है. जहां ब्रेथ एनालाइजर उपलब्ध नहीं, वहां चालक की शारीरिक जांच की जाती है कि वह नशे में है या नहीं। सड़क पर चूने की लाइन पर उसे चलाया जाता है और उसकी गतिविधियों पर नजर रखी जाती है। नशे में धुत्त व्यक्ति अपने शरीर पर नियंत्रण नहीं रख पाता और यदि ऐसी स्थिति पाई जाती है तो उसकी चिकित्सकीय जांच कराई जाती है और कानूनी कार्रवाई की जाती है।
पुलिस की इस पहल से शराबियों में हड़कंप मच गया है। चूंकि ग्रामीण इलाकों में शराब आसानी से मिल जाती है, इसलिए लोग सुबह से ही शराब के नशे में धड़ल्ले से दो पहिया और चार पहिया वाहनों पर निकल पड़ते हैं। जिससे सड़क पर आने-जाने वाले अन्य लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है।