भोपाल: जंगल महकमे में खरीदी संबंधित निविदा की शर्तों में एकरूपता लाने के लिए बनाई गई उत्तम शर्मा कमेटी ने ड्राफ्ट पीपीसीएफ विकास यूके सुबुद्धी को सौंप दी है। अब ड्राफ्ट को लेकर सीनियर आईएफएस के बीच मंथन चल रहा है। सूत्रों का कहना है कि एक-दो दिन में जारी कर दी जाएगी। इस बीच पीसीसीएफ विकास सुबुद्धी ने पूर्व में किए गए टेंडर को अमल में लाने के लिए रियायत दे दी है।
कमेटी ने पाया कि पूर्व में बुलाए गए टेंडर की कई शर्ते औचित्यहीन थी। इन शर्तों से ऐसा लगा कि किसी विशेष सप्लायर्स को उपयुक्त करने के लिए ही मापदंड अपनाया गया है। नए ड्राफ्ट में ऐसे शर्तों को डिलीट कर दिया है।
सूत्रों के अनुसार अब नए ड्राफ्ट में टर्न-ओवर की लिमिट को भी कम किया गया है। इससे स्पर्धा बढ़ेगी और लघु एवं मध्यम वर्गीय कारोबारी भी हिस्सा ले सकेंगे। इस कमेटी में उत्तम शर्मा एपीसीसीएफ सिंह परियोजना को कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है।
शर्मा के अलावा राखी नंदा सीएफ सामाजिक वानिकी, राजेश राय सीएफ रीवा, कमल अरोरा सीएफ जबलपुर, आलोक पाठक सीएफ वन मंडल भोपाल, बृजेंद्र श्रीवास्तव सीएफ वन मंडल पूर्व छिंदवाड़ा, प्रदीप मिश्रा डीएफओ देवास, विजयानंतम टीआर दक्षिण बैतूल और नीथ्यानंतम डीएफओ पश्चिम मंडला को बतौर सदस्य शामिल किया है।
कई डीएफओ को रास नहीं आ रही..
वन बल प्रमुख असीम श्रीवास्तव के ऐतिहासिक बदलाव कई डीएफओ को रास नहीं आया। सिंडिकेट से जुड़े डीएफओ अब सप्लायर्स के जरिए विरोध करवा रहें है। इनमें से कुछ डीएफओ ने तो मुख्यालय के बड़े अधिकारियों से मुलाक़ात रखी कि एक समान शर्तों से नए-नए कारोबार जुड़ेंगे और उन्हें यहां चली आ रही परम्परा को समझने और समझाने में समय लगेगा। दरअसल डीएफओ का संकेत वितरण व्यवस्था से जुड़ा है।