MP Election 2023: मध्यप्रदेश अज़ब तो था ही लेकिन अब यहां पर चुनावी साल में सियासत भी ग़जब की हो रही हैं. बीते लंबे समय से दोनों ही दलों में प्रत्याशियों के चयन को लेकर काफी हलचल देखने को मिल रही थी. अब प्रत्याशियों की घोषणा होते ही कई सीटों पर बग़ावत का दौर थमता दिखाई नहीं दे रहा है.
कांग्रेस हो या फिर बीजेपी दोनों ही दलों में कई सीटों पर कार्यकर्ता अपने उम्मीदवार को टिकट नहीं मिलने से नाराज़ हैं. नाराजगी इस कदर है कि कार्यकर्ता राजधानी भोपाल में पार्टी मुख्यालयों पर सीनियर नेताओं के पुतले जला रहे हैं और पार्टी को वोट नहीं देने की बात तक कर रहे हैं. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के भोपाल आवास के बाहर भी कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने डेरा डाल लिया था.
हालांकि, कांग्रेस ने कार्यकर्ताओं की नाराजगी को देखते हुए ऐलान के बाद दतिया और पिछोर विधानसभा सीट पर नए प्रत्याशी का ऐलान भी किया. लेकिन, अभी भी कई सीटों पर नाराजगी खुलकर दिखाई दे रहीं हैं. नेता भी टिकट कटने से निर्दलीय चुनाव लड़ने का मन बना रहें हैं. जिससे पार्टी को बड़ा नुकसान हो सकता हैं.
ऐसे में कांग्रेस के केंद्रीय नेताओं ने कार्यकर्ताओं की नाराजगी और नेताओं की बग़ावत को देखते हुए डैमेज कंट्रोल के लिए रणनीति तैयार की है. इसके तहत अब पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और चुनाव प्रभारी रणदीप सुरजेवाला को पार्टी ने नाराज़ नेताओं को मनाने की जिम्मेदारी दी हैं. इसके साथ ही पार्टी अब आक्रोशित सीटों पर भी विचार कर रहीं हैं. सूत्रों की मानें तो नाराजगी को देखते हुए पार्टी टिकट में बदलाव कर सकती हैं.
साथ ही पार्टी में नाराजगी को लेकर दिग्विजय सिंह ने कहा, 90 फीसदी टिकट सर्वे के आधार पर दिए हैं. जिन्होंने दिल्ली-भोपाल किया उन्हें टिकट नहीं मिला है. नाराज कार्यकर्ता भरोसा रखें, सारे मतभेद भुलाकर सब साथ मिलकर कांग्रेस की सरकार बनाने में सहयोग करें. इससे एक बात तो तय मान लीजिये की अगर नाराजगी दूर नहीं हुई तो पार्टी को चुनाव में बड़ा नुकसान झेलना पड़ सकता हैं.