मध्य प्रदेश में श्री अन्न की खेती के लिए सरकारी योजना चल रही है, जिससे मिलेट्स को काफी बढ़ावा मिल रहा है। एमपी में मिलेट की कई किस्मों की खेती की जाती है, जैसे कोदो, कुटकी, ज्वार, बाजरा, रागी आदि। सरकार के प्रयासों का नतीजा है कि पिछले तीन साल में मध्य प्रदेश में श्री अन्न का रकबा दोगुना हो गया है।
प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने श्री अन्न उगाने वाले किसानों को बधाई दी है। उन्होंने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल के कारण वर्ष 2023 को "अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष" के रूप में मनाया गया। प्रधानमंत्री मोदी की नई पहल से देश और प्रदेश को अनाज उत्पादन के क्षेत्र में नई दिशा मिली है।
सीएम यादव ने कृषि क्षेत्र में प्रधानमंत्री द्वारा की गई पहल के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि किसानों की कड़ी मेहनत से पिछले तीन साल में राज्य में श्री अन्न का रकबा दोगुना हो गया है।
मध्य प्रदेश में मिलेट के उत्पादन और उपयोग को बढ़ावा देने के लिए अभूतपूर्व प्रयास किये जा रहे हैं। इसके सकारात्मक परिणाम भी आ रहे हैं। राज्य सरकार के प्रयासों और किसानों की कड़ी मेहनत से मिलेट उत्पादन में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। वर्ष 2020-21 में जहां इसका रकबा 67 हजार हेक्टेयर था, वहीं वर्ष 2023-24 में यह बढ़कर 1.35 लाख हेक्टेयर हो गया है।
अनाज उत्पादक किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए सीएम यादव ने रानी दुर्गावती अन्न प्रोत्साहन योजना लागू करने का निर्णय लिया है। मध्य प्रदेश में श्री अन्न के विस्तार पर लगातार काम किया जा रहा है। साथ ही मध्य प्रदेश राज्य श्री अन्न मिशन भी संचालित किया जाता है। श्री अन्न फेडरेशन राज्य में “श्रीअन्न प्रोत्साहन कंसोर्टियम ऑफ फॉर्मर प्रोड्यूसर कम्पनी लिमिटेड'' के नाम से भी पंजीकृत है। मिलेट के उत्पादन और उपयोग को बढ़ावा देने के लिए निरंतर कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।
मध्य प्रदेश राज्य मिलेट मिशन द्वारा वर्ष 2023-24 में मिलेट संवर्धन हेतु बीज वितरण, कृषक प्रशिक्षण, कृषक अध्ययन भ्रमण, सेमिनार एवं कार्यशालाओं का आयोजन किया गया। इसके अलावा, राज्य के प्रमुख पर्यटन स्थलों पर फूड फेस्टिवल, रोड शो आदि के माध्यम से मिलेट को बढ़ावा दिया गया।
इतना ही नहीं, इंदौर में आयोजित 17वें टूरिस्ट इंडिया डे और ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में अनाज आधारित उत्पादों का प्रदर्शन किया गया। भोपाल में आयोजित जी-20 (कृषि कार्य समूह) सम्मेलन में खाद्यान्न पर आधारित एक प्रदर्शनी भी लगाई गई। मिलेट को बढ़ावा देने के लिए मध्य प्रदेश पर्यटन विकास निगम के सहयोग से निगम के सभी होटलों में मिलेट से बने व्यंजन परोसे जा रहे हैं। सभी दुकानों पर श्री अन्न की ब्रांडिंग भी की जा रही है।
राज्य में किसानों द्वारा कोदो-कुटकी, ज्वार-बाजरी, रागी आदि बाजरा फसलें उगाई जाती हैं। इनमें कोदो-कुटकी की खेती मुख्य रूप से अनुसूचित जनजाति बाहुल्य क्षेत्रों जैसे मंडला, डिंडोरी, शहडोल, अनूपपुर, उमरिया, छिंदवाड़ा आदि जिलों में की जाती है।
रागी की खेती राज्य के डिंडोरी, मंडला, सिवनी और जबलपुर में व्यापक रूप से की जाती है। ज्वार राज्य के खरगोन, खंडवा, बड़वानी, छिंदवाड़ा, बैतूल, राजगढ़ और गुना जिलों में उगाया जाता है। मिलेट की खेती मुख्य रूप से राज्य के मालवा क्षेत्र में की जाती है। मिलेट की खेती मुख्य रूप से खरीफ मौसम में की जाती है।