मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि यह वर्ष पर्याप्त वर्षा एवं अनुकूल मौसम के कारण किसानों के लिए अच्छा रहा है, जिसके फलस्वपरूप खरीफ फसल भी अच्छी रही है एवं रबी की बोवाई भी तेजी से हो रही है। प्रदेश में कृषि के लिये पर्याप्त मात्रा में विद्युत एवं सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।
अंतर्राष्ट्रीय कारणों से उर्वरक आपूर्ति में चुनौतियों के बाद भी खरीफ में किसानों को पर्याप्तस उर्वरक उपलब्ध कराने के समुचित प्रयास किये गये। किसानों को रबी में निरंतर उर्वरक उपलब्ध कराया जा रहा है।
निरंतर की जा रही है उर्वरक उपलब्धता की समीक्षा..
सीएम डॉ. यादव द्वारा की जा रही निरंतर उर्वरक उपलब्धता की समीक्षा एवं व्यवक्तिगत प्रयासों के फलस्वंरूप प्रदेश में डीएपी और एनपीके की 31 रेक एवं यूरिया की 20 रेक ट्रांजिट में है। डीएपी और एनपीके प्रतिदिन औसतन 11 हजार 500 मीट्रिक टन एवं यूरिया प्रतिदिन औसतन 16 हजार मीट्रिक टन प्राप्तस हो रहे है। रबी 2024-25 के शेष अंतराल के लिये पर्याप्त उर्वरक व्य वस्थाि सुनिश्चित कराई जा रहा है। इसके लिए केन्द्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय, दिल्ली से निरंतर समन्वरय किया जा रहा है।
सीएम डॉ. यादव ने कहा कि खरीफ-2024 में 17.58 लाख मीट्रिक टन यूरिया का विक्रय हुआ था जो खरीफ-2023 में 15.54 लाख मीट्रिक टन था। इस वर्ष खरीफ में 2.04 लाख मीट्रिक टन यूरिया का अधिक विक्रय हुआ है। खरीफ-2024 में डीएपी और एनपीके 10.47 लाख मीट्रिक टन किसानों को विक्रय किया गया, जो विगत खरीफ-2023 में 10.56 लाख मीट्रिक टन था। इस प्रकार प्रदेश में खरीफ-2024 में उर्वरकों की पर्याप्त उपलब्धता रही है।
रबी फसल मौसम में किसानों को कृषि कार्य के लिये पर्याप्तं मात्रा में विद्युत एवं सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। अंतर्राष्ट्रीय कारणों से विशेषकर डीएपी उर्वरक आपूर्ति में चुनौतियों बनी हुई हैं।
रबी 2024-25 में 1 अक्टूबर से अभी तक 7.3 लाख मीट्रिक टन यूरिया का विक्रय हुआ है, जबकि विगत वर्ष 1 अक्टूबर से 18 नवम्बभर 2023 तक 7.4 लाख मीट्रिक टन यूरिया काविक्रय हुआ था। रबी 2024-25 में 1 अक्टूबर से अभी तक 6.1 लाख मीट्रिक टन डीएपी और एनपीके का विक्रय हुआ है, जबकि विगत वर्ष 1 अक्टूबर से 18 नवम्ब.र 2023 तक 6.3 लाख मीट्रिक टन डीएपी और एनपीके काविक्रय हुआ था।
254 अतिरिक्त नगद उर्वरक विक्रय केंद्र स्वीकृत..
मार्कफेड के नगद उर्वरक विक्रय केन्द्रों पर भीड़ को नियंत्रित करने हेतु 254 अतिरिक्त नगद उर्वरक विक्रय केन्द्रक स्वीकृत किये गये हैं। कलेक्टर की अनुशंसा पर 160 विक्रय केन्द्र प्रारंभ भी किये जा चुके हैं। उर्वरकों के अधिक मूल्य पर विक्रय एवं कालाबाजारी के प्रकरणों पर कार्रवाई करते हुए 40 प्रकरणों में पुलिस ने एफआईआर भी दर्ज कराई गई है।