शहर के सबसे पॉश और हाई सिक्योरिटी जोन वल्लभ भवन (मंत्रालय) के पास बनी छह झुग्गी बस्तियों को हटाने के लिए नगर निगम ने पायलट प्रोजेक्ट बनाया है। इस प्रोजेक्ट के तहत मंत्रालय के पास स्थित करीब 40 एकड़ जमीन पर 1100 करोड़ रुपये की 116 इमारतें बनाई जाएंगी। जिसमें 28 हेक्टेयर भूमि पर बनी 8 हजार 214 झुग्गीवासियों को आवास आवंटित किये जायेंगे। इस झुग्गी बस्ती में करीब 28 हजार 334 लोग रहते हैं।
कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने गुरुवार को कलेक्टर कार्यालय में प्रोजेक्ट के संबंध में बैठक की और नगर निगम आयुक्त हरेंद्र नारायण एवं अन्य अधिकारियों से चर्चा कर अगली कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिये। बता दें कि पिछले गुरुवार को कलेक्टर ने नगर निगम आयुक्त को वल्लभ भवन के पास बनी झुग्गियों को हटाने के लिए प्रोजेक्ट तैयार करने के निर्देश दिए थे। शहर में कुल 388 मलिन बस्तियां चिन्हित की गई हैं, जिनमें से लगभग 1 लाख 56 हजार 560 मलिन बस्तियां बची हैं।
मंत्रालय के पास बनी झुग्गियों के लिए यहां स्थित सरकारी जमीन पर सुराज योजना के तहत ईडब्ल्यूएस मकान बनाए जाएंगे। इन घरों का निर्माण एक निजी डेवलपर द्वारा किया जाएगा, जिसके बदले में उन्हें कॉम्पेंसेटरी लैंड पार्सल (सीएलपी) के तहत यहां जमीन आवंटित की जाएगी।
डेवलपर इस भूमि पर रिडेंसीफिकेशन के तहत आवासीय परियोजनाओं में मॉल, वाणिज्यिक परिसर और प्रमुख विकास करेगा। इसके साथ ही पार्किंग एरिया, सामुदायिक भवन, दुकानें आदि भी बनाई जाएंगी। जिससे आसपास के लोगों को भी यहां रोजगार मिल सके।
झुग्गीवासियों को विस्थापित करने के लिए बनाई जाने वाली 116 इमारतें नौ मंजिल ऊंची होंगी। प्रत्येक भवन में 72 आवास होंगे, इस प्रकार प्रति मंजिल आठ आवास होंगे। इसे मंत्रालय के नजदीक बनाने से यहां रहने वाले झुग्गीवासियों को अन्यत्र नहीं जाना पड़ेगा।
प्रथम क्लस्टर के लिए मंत्रालय के आसपास वल्लभ नगर एक, दो, ओमनगर एक, दो, भीमनगर, मालवीय नगर को चिन्हित किया गया है। ये संपदाएं लगभग 125 एकड़ क्षेत्र में फैली हुई हैं। नगर पालिका की ओर से तैयार पायलट प्रोजेक्ट के तहत दिसंबर तक सभी कागजी कार्रवाई पूरी करनी है। मंत्रालय के आसपास बनी 8 हजार 214 झुग्गियों को हटाने के लिए तैयार की गई यह डीपीआर जल्द ही सरकार को भेजी जाएंगी। मंजूरी के बाद जनवरी 2025 से काम शुरू करने का लक्ष्य है।
मंत्रालय और अन्य क्षेत्रों में नई झुग्गियां बनने से रोकने के लिए एक निगरानी समिति का गठन किया जाएगा। समिति में तहसीलदार, जोनल अधिकारी और एएचओ शामिल होंगे। अब तक चिह्नित झुग्गियों के अलावा जहां भी नई झुग्गियां बनी हैं, उन्हें चिह्नित कर ध्वस्त करने की कार्रवाई की जाएगी।
नगर निगम ने मंत्रालय के आसपास बनी झुग्गियों को हटाने के लिए प्रोजेक्ट तैयार किया है। इसके तहत सबसे पहले यहां खाली पड़ी सरकारी जमीन पर ईडब्ल्यूएस मकान बनाए जाएंगे। इसके बाद इसे परिवारों को दे दिया जाएगा। दिसंबर तक सारी कागजी कार्रवाई पूरी कर ली जाएगी और सरकार से अनुमति मिलते ही जनवरी से काम शुरू हो जाएगा।