होली 25 मार्च को है। 24 को होलिका दहन होगा। इस बार 2000 स्थानों पर होली जलेगी। गोकाष्ठ से अधिक स्थानों पर होलिका दहन होगा। इसे लेकर होलिका दहन उत्सव समितियों द्वारा तैयारियां शुरू कर दी है। 24 मार्च से होलिका दहन के साथ ही पांच दिवसीय रंगों के पर्व की शुरुआत हो जाएगी।
इस दौरान मां चामुंडा दरबार के पुजारी गुरूजी पंडित रामजीवन दुबे ने बताया होलिका दहन पर इस बार छह विशेष योग धन शक्ति, त्रिग्रही, बुधादित्य, रवि, सर्वार्थ सिद्धि व वृद्धि योगों के साथ उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में होलिका दहन किया जाएगा।
रामजीवन दुबे का कहना है इस बार होली 24 या 25 मार्च को इसको लेकर असमजंस की स्थिति देखने को मिल रही है। लेकिन पंचांग की गणना के अनुसार फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर प्रदोष काल में होलिका के पूजन की मान्यता है। इस बार 24 मार्च को रविवार के दिन उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र की साक्षी में प्रदोष काल के दौरान होलिका का पूजन होगा।
कुछ स्थानों पर भद्रा के बाद पूजन की मान्यता बताई गई है। जबकि कन्या राशि के चंद्रमा की साक्षी में आने वाले पर्व पर भद्रा पाताल लोक में निवास करती है। इस दृष्टि से इसमें कोई दोष नहीं है, अर्थात प्रदोष काल में ही होलिका का पूजन होगा।
इन स्थानों पर होगा होलिका दहन
शहर में मुख्य रूप से चौक बाजार, इतवारा, बुधवारा, मंगलवारा पीरगेट, रोशनपुरा चौराहा, चांदब?, सराफ बाजार, बस स्टैंड, करोंद, कोलार, आनंद नगर समेत 2000 स्थानों पर मुख्य रूप से होलिका का दहन किया जाएगा। इसी के साथ -शहर की कॉलोनियों के लोग भी छोटे रूप में होलिका का दहन करेंगे। होली उत्सव समितियों तैयारियां शुरू कर दी है। तो वहीं अधिकांश समितियों द्वारा पर्यावरण की रक्षा के लिए गोकाष्ठ से व कंडों से दहन करेंगे।
यह रहेगा मुहूर्त: फाल्गुन पूर्णिमा 24 मार्च को सुबह 9 बजकर 54 मिनट से प्रारंभ हो रही है, जो 25 मार्च को दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर समाप्त हो रही है। ऐसे में होलिका दहन 24 मार्च और रंगों वाली होली 25 मार्च को खेली जाएगी।
कंडे होली जलाने एवं हर्बल गुलाल के उपयोग की अपील
मप्र के सरकारी कर्मचारियों के एक समूह ने सामूहिक निर्णय लिया है कि होली महोत्सव पर चाइनीज रंग गुलाल एवं होली की लकड़ी का प्रदेश भर में कर्मचारियों द्वारा बहिष्कार किया जाएगा। इसके बजाए हर्बल कलर गुलाल का उपयोग करने तथा लकड़ी के स्थान पर कास्ट की होली जलाने की मांग की गई है।
कर्मचारी मंच के पदाधिकारियों ने अशोक पांडे की अध्यक्षता में बैठक में फैसला किया कि अब कर्मचारी कार्यालयों में जाकर कर्मचारियों से लकड़ी के स्थान पर कंडे की होली जलाने एवं चाइनीस कलर गुलाल के स्थान पर हर्बल गुलाल कलर से होली मनाने की अपील करेंगे।
आज यह कर्मचारी संघ मंत्रालय वल्लभ भवन, विंध्याचल भवन, सतपुड़ा भवन, वन भवन, नर्मदा भवन, लोक निर्माण भवन आदि में जाकर कर्मचारियों से यह अपील कर रहा है। मंच प्रदेश अध्यक्ष अशोक पांडे का कहना है कि लकड़ी की होली जलाने से पर्यावरण को भारी नुकसान होता है साथ ही तापमान भी भारी मात्रा में बढ़ जाता है जिससे नागरिकों को काफी परेशानियां उत्पन्न होती हैं। इसलिए कर्मचारी मंच ने कर्मचारियों के साथ-साथ प्रदेश के नागरिकों से भी कास्ट की होली एवं हर्बल कलर गुलाल का उपयोग कर होली के इस महोत्सव को उत्साह से मनाने की अपील की है।