वनोपजों की एमएसपी पर खरीदी के बजट का पूर्ण उपयोग नहीं कर पाया लघु वनोपज संघ


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स्टोरी हाइलाइट्स

राज्य सरकार के वन विभाग के अंतर्गत कार्यरत लघु वनोपज संघ ने 32 वनोपजों का न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित किया हुआ है, परन्तु इन वनोपजों की खरीदी हेतु जो सालाना बजट रखा जाता है, उसका पूर्ण उपयोग नहीं हो रहा है..!!

भोपाल: लघु वनोपज संघ के ट्रेक रिकॉर्ड में लगातार गिरावट आ रही है। संघ के एमएसपी पार्क में क्वालिटी और क्वांटिटी में गिरावट आने के बाद वनोपजों की खरीदी बजट का उपयोग नहीं कर पाया। पिछली टीएल की बैठक में अपर मुख्य वन सचिव अशोक वर्णवाल ने बंधन केदो को लेकर भी नाराजगी जताई है।

राज्य सरकार के वन विभाग के अंतर्गत कार्यरत लघु वनोपज संघ ने 32 वनोपजों का न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित किया हुआ है, परन्तु इन वनोपजों की खरीदी हेतु जो सालाना बजट रखा जाता है, उसका पूर्ण उपयोग नहीं हो रहा है। एक अधिकृत रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2022-23 में एमएसपी पर खरीदी हेतु 5 करोड़ रुपयों का बजट रखा गया था जिसमें से 1 करोड़ 57 लाख 37 हजार रुपयों का ही आवंटन किया गया परन्तु खरीदी हेतु मात्र 66 लाख 89 हजार रुपयों का ही उपयोग हुआ। इसी प्रकार, वर्ष 2023-24 में एमएसपी पर खरीदी हेतु 2 करोड़ रुपयों का बजट रखा गया और इसमें से 48 लाख 85 हजार रुपये का ही आवंटन किया गया परन्तु खरीदी में सिर्फ 15 लाख 89 हजार रुपयों का ही उपयोग हो पाया।

इन वनोपज की खरीदी एमएसपी पर होती है

अचार गुठली 130, बहेड़ा 25, हर्रा 20, बेलगूदा 30, चकोड़ा बीज 20, करंज बीज 20, शहद 225, अ-लाख कुसमी 275, ब-लाख रंगीनी 200, अ-महुआ गुल्ली 35, ब-महुआ फूल 35, नीम बीज 30, नागर मोथा 35, साल बीज 20, जामुन बीज 42, आंवला गूदा 52, मार्किंग नट-मिलावा 9, अनंत मूल 35, अमलतास बीज 13, अर्जुन छाल 21, गिलोय 40, कोंच बीज 21, चिरायता-कालमेघ 35, बायबडंग बीज 94, धवई फूल 37, वन तुलसी पत्तियां 22, कुटज-सूखी छाल 31, इमली बीज सहित 36, सतावर 107, मकोय-सूखे फल 24, अपंग पौधा 28 एवं गुड़मार 41 रुपये प्रति किलोग्राम। 

विंध्या हर्बल्स को बंद करने की साज़िश

लघुवनोपज संघ की इकाई लघु वनोपज प्रसंस्करण केंद्र बरखेड़ा पठानी (एमएसपी पार्क) अनुभवहीन महिला अधिकारियों की पोस्टिंग विंध्या हर्बल बंद की साजिश चल रही है। यही वजह है कि एमएसपी पार्क बरखेड़ा पठानी में उत्पादित होने वाली औषधियों की क्वांटिटी और क्वालिटी में निरंतर गिरावट आ रही है। औषधि के गुणवत्ता को लेकर कई बार सवाल उठे हैं। जांच के आदेश भी हुए किंतु महिला अधिकारी के रसूख के चलते कई जांच के आदेश डंप कर दिए जा रहें हैं। सीनियर अफसर की कमी बताकर एमएसपी पार्क के निर्माण से अब तक सबसे जूनियर और अनुभवहीन आईएफएस को सीईओ बनाया गया। 

जबकि इसके पहले तक अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक से लेकर मुख्य वन संरक्षण स्तर तक के आईएफएस अधिकारी सीईओ के पद पर पदस्थ होते रहे हैं। ऐसा भी नहीं है कि विभाग में सीनियर अधिकारियों का एकदम अकाल पड़ गया हो, बल्कि अनुसंधान एवं विस्तार भोपाल में पदस्थ सीसीएफ राखी नंदा को एमएसपी पार्क का सीईओ बनाया जा सकता है। या फिर संघ में पदस्थ एपीसीसीएफ मनोज अग्रवाल या किसी और एपीसीसीएफ को अतिरिक्त प्रभार दिया जा सकता है। वन वनोपज संघ में चर्चा यदि मनोज अग्रवाल को सीईओ बनाया जाता है तो लघु वनोपज संघ में सत्ता के दो केंद्र बिंदु स्थापित हो जाएंगे।