भोपाल: अगर आपको प्रकृति और जंगली जीवों से प्यार है और आप जंगलों में घूमना पसंद करते हैं। ऐसे लोगों के लिए इंतजार की घड़ियां समाप्त हो गई। 1 अक्टूबर से पर्यटकों के लिए बांधवगढ़, कान्हा, पेंच, पन्ना और सतपुड़ा टाइगर रिजर्व शुरू हो रहा है। पूरे देश के अंदर पाए जाने वाले 3167 बाघों में से 700 से अधिक बाघ केवल मध्य प्रदेश में ही हैं। टाइगर रिजर्व में 30 जून की शाम से ही पर्यटकों के लिए सफारी बंद हो गई थी। 3 माह बाद 1 अक्टूबर को फिर से सफारी शुरू हो जाएंगी। इस बार पर्यटकों के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। विदेशी सैलानियों के लिए गाइड को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है।
देसी और विदेशी वन्य प्राणियों का सबसे अधिक दबाव कान्हा और बांधवगढ़ का टाइगर रिजर्व में रहता है। इसकी मुख्य वजह यह है कि यहां दर्शकों को बड़ी आसानी से टाइगर के दीदार हो जाया करते हैं। हालांकि सतपुड़ा, पेंच और पन्ना नेशनल पार्क भी पर्यटकों की पसंद में शामिल हैं। पर्यटकों के लिए क्या तैयारी की गई है, के सवाल के जवाब में बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के उपसंचालक पीके वर्मा बताते हैं कि,"1 अक्टूबर से बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व पर्यटकों के लिए खुल जाएगा।
इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। हमारे गाइडों की दो दिन के लिए ट्रेनिंग चल रही है. इसके लिए हमने पुणे से करीब 24 से 25 साल अनुभवी ट्रेनर को बुलाकर इन गाइडों को अच्छे से ट्रेंड किया गया हैं। हम चाहते हैं कि जब भी यहां कोई टूरिस्ट आए और हमारे गाइड के साथ सफर करें, तो वो बोलें कि बांधवगढ़ के गाइड का नॉलेज बहुत अच्छा है और वो सही से प्रकृति के बारे में हम लोगों को डिस्क्राइब करते हैं।
इंटरनेशनल लेवल की फैसिलटी की तैयारी
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के उप संचालक पीके वर्मा ने कहा कि "हमारा प्रयास है कि हम टूरिस्ट को जो फैसिलिटी दे रहे हैं, वो इंटरनेशनल स्टैंडर्ड की हो। हमारे पास इंटरनेशनल टूरिस्ट बहुत ज्यादा आते हैं। बांधवगढ़ में इंटरनेशनल टूरिस्ट जब हमारे पास आते हैं, इसलिए हमारी कोशिश है कि उन्हें किसी तरह की तकलीफ ना हो, इसके लिए हम विशेष योजना भी बना रहे हैं। हमने रिसोर्ट संगठन वालों से भी बात की है, जहां प्रशासन से हो पाएगा वहां सीएसआर फंड (कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी) से हम सब मिलकर के अच्छी फैसिलिटी देने की कोशिश कर रहे हैं। हम चाहते हैं कि जब हमारे पर्यटक बांधवगढ़ पहुंचे, तो उसको इंटरनेशनल लेवल का लुक दिखे और वो खुद को सेल्फी लेने से रोक ना सके।