राजधानी भोपाल में एक महिला को डेढ़ साल से कमरे में बंद रखा गया था। सूचना मिलते ही भोपाल पुलिस ने महिला को सुरक्षित बाहर निकाला और इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया। मामला गोविंदपुरा थाना क्षेत्र के बरखेड़ा पठानी इलाके के पास स्थित लहरपुर का है, जहां एक फार्म हाउस में महिला को डेढ़ साल से कैद कर रखा गया था। कमरे में बंद महिला भूख-प्यास से परेशान थी और कई दिनों से खाना न खाने के कारण काफी कमजोर हो गई थी।
सूचना मिलने पर गोविंदपुरा पुलिस ने सामाजिक संगठनों और समाजसेवियों के साथ मिलकर महिला को बचाया। मानसिक रूप से परेशान इस महिला को उसके ही परिवार वालों ने खुद को खेत में एक कमरे में बंद करने के लिए मजबूर कर दिया। महिला फिलहाल हमीदिया अस्पताल में भर्ती है, जहां उसके परिजनों को काउंसलिंग कर उसका ख्याल रखने की सलाह दी गई है।
गोविंदपुरा थाने में पदस्थ एएसआई सोनिया पटेल ने बताया कि जेजे बोर्ड सदस्य डॉ. कृपाशंकर चौबे ने फोन पर पुलिस को सूचना दी। उन्होंने बताया कि महिला को खेत में बने एक घर में कैद कर दिया गया है।
सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ पुलिस टीम मौके पर पहुंची। जब रेस्क्यू टीम महिला के पास पहुंची तो महिला काफी गुस्से में आ गई। हालांकि, बचाव में उतरी पुलिस टीम ने हार नहीं मानी और काफी मशक्कत के बाद महिला को कमरे से बाहर निकाला।
परिजनों ने बताया कि महिला अक्सर परिवार के लोगों से ही नहीं बल्कि पड़ोसियों से भी नाराज रहती थी, जिसके चलते उसे खेत में बने एक कमरे में रखा गया था। परिजनों का कहना है कि हर दिन परिवार के लोग महिला को खाना देने जाते थे, लेकिन वह खाना नहीं खाती थी।
रेस्क्यू टीम ने जब महिला को कमरे से बाहर निकाला तो वह भूख के कारण काफी कमजोर हो चुकी थी। उनका वजन काफी कम हो गया था। कई दिनों तक उसने न तो कुछ खाया और न ही नहाया। महिला पुलिस की रेस्क्यू टीम ने पहले महिला को खाना खिलाया और बाल काटने के बाद नहलाया। इसके बाद उनका मेडिकल चेकअप कर इलाज के लिए हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया गया।
महिला को बचाकर अस्पताल में भर्ती कराने के बाद पुलिस ने उसके पति, बेटे और सास को उसकी पूरी देखभाल करने की सलाह दी। भविष्य में भी उसका इलाज करवाते रहें। महिला के पति ने बताया कि उसकी पत्नी करीब डेढ़ साल से मानसिक रूप से परेशान थी। संपर्क करने पर वह क्रोधित हो जाती और दुर्व्यवहार करती है। महिला का कई जगह इलाज कराया गया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए उसे कमरे में बंद रखा गया था। हालांकि, अब परिवार वालों का दावा है कि महिला के ठीक होने पर वे उसे अपने घर में रखेंगे और उसका पूरा ख्याल रखेंगे।