भोपाल: बुंदेलखंड का संभागीय मुख्यालय सागर इन दिनों जनप्रतिनिधियों के बीच श्रेय लेने की होड़ में उलझा हुआ है। ताजा मामला सागर में कैंसर अस्पताल और बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल को लेकर सामने आया है। जिसमे भाजपा के स्थानीय विधायक शैलेंद्र जैन के प्रयासों पर मंत्री गोविंद राजपूत अपनी लेबलिंग कर उनके प्रयासों पर पलीता लगाने में जुट गए हैं।
यह बात तब सामने आई जबकि खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद राजपूत ने सीएम डॉ मोहन यादव को ज्ञापन सौंप कर सागर में कैंसर अस्पताल खोलने की मांग की खबर को उनके कार्यालय ने जारी कर डाला। जबकि इस खबर के ठीक एक महीने पहले ही 6 अगस्त को स्थानीय भाजपा विधायक शैलेंद्र जैन ने भोपाल में चिकित्सा और स्वास्थ मंत्री तथा डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला तथा विभागीय अधिकारियों से मिलकर कैंसर अस्पताल खोलने समेत बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में कैथ लैब व अन्य अत्याधुनिक सुविधाओं को शुरू किए जाने की सैद्धांतिक सहमति ली थी और उक्त मांग को पहले ही मंजूर करा लिया।
स्वास्थ्य विभाग ने सागर में कैंसर अस्पताल खोले जाने को लेकर प्रक्रिया तक शुरू कर दी और इसकी स्थापना के लिए भोपाल से आई टीम व स्वास्थ विभाग के आर्किटेक्ट ने 7 अगस्त को यानी भोपाल में चर्चा के अगले ही दिन चिकित्सा और स्वास्थ विभाग के स्थानीय अमले के साथ अस्पताल के लिए जगह आदि का निरीक्षण कर अपनी रिपोर्ट भी सरकार को सौंप दी। बहरहाल इस मामले में अब भाजपा सरकार के ही मंत्री गोविंद राजपूत भी श्रेय लेने के लिए कूद पड़े और मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव को इस संबंध में झटपट रूप से एक ज्ञापन देकर कैंसर अस्पताल पर अपनी उपलब्धि का लेबल लगाने की कोशिश शुरू कर दी है।
बीना और खुरई को जिला बनाने के विवाद
इसी तरह का मामला बीना और खुरई को जिला बनाने के विवाद को लेकर भी सामने आ रहा है । जहां पूर्व मंत्री व खुरई विधायक भूपेंद्र सिंह तथा मंत्री गोविंद सिंह के प्रयासों से कांग्रेस से भाजपा में आई बीना विधायक निर्मला सप्रे के बीच जोर आजमाइश के चलते बीना को जिला बनाने का मामला खटाई में पड़ता नज़र आ रहा है। इस मामले में भी मंत्री गोविंद राजपूत परदे के पीछे रहकर पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह को शिकस्त देकर खुरई की जनता की नज़र में उन्हे नीचा दिखाने में लगे हुए हैं।
ताकि जनता में विरोध पैदा कर अगली बार उनका पत्ता काटकर अरुणोदय चौबे को यहां से टिकिट दिलवा सकें। फिलहाल तो भाजपा सरकार के मंत्री और जन प्रतिनिधियों के बीच श्रेय की इस लड़ाई में सरकार की योजनाओं और कार्यक्रमों का फायदा जनता तक पहुंचे या न पहुंचे लेकिन इस सब से प्रदेश की मोहन सरकार की छवि पर पलीता जरूर लग रहा है और जनता में भी उनके मंत्री की कार्यप्रणाली से पूरी सरकार की स्थिति हास्यास्पद हो रही है।