अमित शाह के दौरे के बाद MP कांग्रेस में मची खलबली, जानिए क्यों?


स्टोरी हाइलाइट्स

कांग्रेस के सांसद-विधायक और बड़े नेताओं के साथ बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं पर BJP की नज़र

भाजपा के चाणक्य और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह रविवार को मप्र के दौरे पर थे। ग्वालियर में उन्होंने ग्वालियर-चंबल क्लस्टर की प्रबंध समिति की बैठक में कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र दिया वहीं छतरपुर के खजुराहो में बूथ स्तरीय सम्मेलन को संबोधित किया और भोपाल में प्रबुद्धजनों के सम्मेलन में शामिल होने के बाद दिल्ली लौट गए।  

अमित शाह के मध्यप्रदेश दौरे को लोकसभा चुनावों की दृष्टि से काफी अहम माना जा रहा है। शाह प्रदेश भाजपा को मिशन-29  का रोडमैप दे गए बल्कि  कांग्रेस की प्रदेश इकाई को भी टेंशन में डाल गए। शाह के दौरे के बाद कांग्रेस खेमे में मची खलबली से इसका अंदाज़ा लगाया जा सकता है।

दरअसल शाह प्रदेश में अपने सम्बोधनों में दो टूक कह गए कि जो कांग्रेस कार्यकर्ता निराश हैं,उन्हें भाजपा से जोड़ें। शाह ने कांग्रेस विहीन बूथ बनाने के फार्मूले पर काम करने की नसीहत देते हुए साफ़ कहा कि आप सिर्फ कांग्रेस के बूथ स्तर के कार्यकर्ता जोड़ें। 

यही नहीं शाह ने प्रदेश में भाजपा को अजेय बनाने के लक्ष्य पर काम करने के रणनीति बताते हुए यह सन्देश भी दिया कि कांग्रेस के सांसद, विधायक और बड़े नेताओं को पार्टी में लाने पर नेतृत्व विचार करेगा। शाह ने दूसरी पार्टी के कार्यकर्ताओं को पार्टी में लाने से न डरने की भी नसीहत दी। उन्होंने कहा कि ऐसा सिर्फ चुनाव जीतने के लिए नहीं बल्कि भाजपा को प्रदेश में अजेय पार्टी बनाने के लिए करना है।

अमित शाह के इन सीधे बयानों से प्रदेश कांग्रेस इकाई बेचैन है। हाल ही में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ और सांसद नकुलनाथ के भाजपा में शामिल होने की खबरें सियासी सुर्ख़ियों में बनी रही थीं। प्रदेश कांग्रेस के कई अन्य बड़े नेता भी पार्टी से असंतुष्ट चल रहे हैं। ऐसे में राहुल गांधी की न्याय यात्रा के प्रदेश में प्रवेश से ठीक पहले शाह के इन बयानों ने हलचल बढ़ा दी है।