MP में इस बार पिछले साल से ज्यादा बारिश की संभावना, सामान्य से 6 फीसदी ज्यादा बारिश का अनुमान


Image Credit : X

स्टोरी हाइलाइट्स

मौसम विभाग ने सोमवार को मानसून पर रिपोर्ट जारी की है, अप्रैल के आखिरी सप्ताह में मौसम की दूसरी रिपोर्ट आएगी..!!

Mp Weather News: इस बार के मानसून में मध्य प्रदेश में भारी बारिश लाएगा। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने जून से सितंबर तक चार महीनों के लिए राज्य में 104 से 106 प्रतिशत बारिश का अनुमान लगाया है। यह सामान्य से 4 से 6 फीसदी ज्यादा है। इससे पहले साल 2023 में राज्य में 100 फीसदी यानी औसतन 37 इंच से ज्यादा बारिश हुई थी। इंदौर और उज्जैन समेत आधे मध्य प्रदेश में सामान्य से अधिक बारिश हुई।

मौसम विभाग ने सोमवार को मानसून पर रिपोर्ट जारी की है। अप्रैल के आखिरी सप्ताह में मौसम की दूसरी रिपोर्ट आएगी। इसके अलावा मौसम विभाग भी मई के आखिरी सप्ताह में रिपोर्ट प्रकाशित करेगा। जिसमें बारिश की तस्वीर साफ हो जाएगी।

आपको बता दें कि राज्य में 15 जून के बाद मानसून प्रवेश करता है। पिछले साल 24 जून को मानसून ने राज्य में प्रवेश किया था। मौसम वैज्ञानिक प्रमेंद्र कुमार ने कहा, 'मानसून को लेकर एक रिपोर्ट जारी की गई है। इसके चलते इस बार मध्य प्रदेश में अच्छी बारिश होने की संभावना है।

वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक डॉ. वेदप्रकाश सिंह ने बताया कि रिपोर्ट के मुताबिक पूर्वी मध्य प्रदेश के 4 संभाग सागर, रीवा, जबलपुर और शहडोल में सामान्य से 98 से 99% कम बारिश होने का अनुमान है। वहीं, पश्चिम मध्य प्रदेश के 6 संभागों - भोपाल, नर्मदापुरम, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर और चंबल - में 101 से 102% या उससे अधिक बारिश का अनुमान लगाया गया है। डॉ. सिंह ने कहा कि मानसून को लेकर मौजूदा स्थिति काफी अच्छी है।

मौसम विभाग के अनुसार, भूमध्यरेखीय प्रशांत क्षेत्र में इस समय मध्यम अल नीनो की स्थिति बनी हुई है। नवीनतम मानसून मिशन जलवायु पूर्वानुमान प्रणाली (एमएमसीएफएस) के साथ एक अन्य जलवायु मॉडल पूर्वानुमान से पता चलता है कि अल नीनो की स्थिति और कमजोर हो सकती है और मानसून के शुरुआती भाग के दौरान एक तटस्थ अल नीनो-दक्षिणी दोलन (ईएनएसओ) स्थिति में संक्रमण होने की संभावना है। इसके बाद मानसून के उत्तरार्ध में ला नीना की स्थिति विकसित होने की संभावना है।

इस बार भी अगर मॉनसून पूर्वानुमान के मुताबिक जारी रहा तो यह लगातार छठा साल होगा जब सामान्य या भारी बारिश होगी। 10 साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो 2019 में सबसे ज्यादा 53 इंच बारिश दर्ज की गई थी। तब से राज्य में सामान्य या अधिक बारिश हो रही है।

मध्य प्रदेश की सामान्य वर्षा 949 मिमी यानी 37.3 इंच है। अधिकांश वर्षा मानसून के मौसम (जून और सितंबर के बीच) के दौरान होती है। पिछले साल राज्य में औसतन 37.22 इंच बारिश हुई थी, जो सामान्य बारिश के बराबर थी। भोपाल समेत कई जिलों में सामान्य से ज्यादा बारिश हुई। जिससे बाढ़ की स्थिति भी बन गई।

पिछले साल मप्र में इंदौर, झाबुआ, खंडवा, खरगांव, उज्जैन, अलीराजपुर, बड़वानी, बैतूल, भिंड, बुरहानपुर, देवास, धार, हरदा, अनुपपुर, छिंदवाड़ा, डिंडोरी, कटनी, नरसिंहपुर, निवाड़ी, सिवनी, टीकमगढ़ में ज्यादा बारिश हुई थी।

भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, बालाघाट, छतरपुर, दमोह, मंडला, पन्ना, रीवा, सागर, सतना, शहडोल, शिरी, सिंगरौली, उमरिया, आगर-मालवा, अशोकनगर, दतिया, गुना, मंदसौर, मुरैना, नर्मदापुरम, नीमच, राजगढ़, सीहोर, शाजापुर, शिवपुरी जिलों में कम बारिश दर्ज की गई थी।