ओरछा के तीन प्राचीन स्मारक डिनोटिफाई हुये, गिन्नौरगढ़ नोटिफाई


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स्टोरी हाइलाइट्स

अब ये तीनों स्मारक मप्र प्राचीन स्मारक पुरातत्वीय स्थल तथा अवशेष अधिनियम 1964 के तहत राज्य संरक्षित नहीं रहेंगे..!!

भोपाल: राज्य सरकार के संस्कृति विभाग ने तीन प्राचीन स्मारकों को डिनोटिफाई कर दिया है। इससे अब ये तीनों स्मारक मप्र प्राचीन स्मारक पुरातत्वीय स्थल तथा अवशेष अधिनियम 1964 के तहत राज्य संरक्षित नहीं रहेंगे और इनके आसपास निर्माण एवं खनन प्रतिबंधित नहीं रहेगा। 

ये तीन प्राचीन स्मारक हैं : निवाड़ी जिले के ओरछा में स्थित पालकी महल जोकि ओरछा किले के बाहर 0.405 हेक्टेयर में स्थित है, ओरछा के ही किले के बाहर 0.405 हेक्टेयर में स्थित फूलबाग तथा ओरछा का 2.663 हेक्टेयर में स्थित जुझार सिंह का महल। 

इसके अलावा, राज्य सरकार ने सीहोर जिले की बुधनी तहसील के वन में स्थित गिन्नौरगढ़ किला एवं परिसर जोकि 36.90 हेक्टेयर में स्थित है और वन विभाग के स्वामित्व में है, को राज्य संरक्षित स्मारक घोषित कर दिया है जिससे इसके सौ मीटर व्यास में निर्माण एवं खनन प्रतिबंधित रहेगा जबकि इस सौ मीटर से परे दो सौ मीटर व्यास में खनन एवं निर्माण रेगुलेटेड यानी पूर्वानुमति से हो सकेगा।