अब तक 24 ... देश की सियासत में सबसे ज्यादा डिप्टी सीएम !


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स्टोरी हाइलाइट्स

नंबर टू बताने वाले सियासी संदेश का फार्मूला परवान पर.....

हाल में पांच राज्यों में विधानसभा के चुनाव हुए और इनमें चार में बनीं सरकारों में 7 डिप्टी चीफ मिनिस्टर बने हैं। मप्र में दो उपमुख्यमंत्री हैं। यानि अब देश के 14 राज्यों में कुल 24 डिप्टी सीएम हैं। यह भारत के सियासी इतिहास में अब तक किसी एक समय में उप मुख्यमंत्रियों की सबसे बड़ी संख्या मानी जा रही है। दिलचस्प यह है कि डिप्टी सीएम को लेकर नियम प्रक्रिया में कोई जिक्र नहीं हैं यह भी किसी राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री के ही बराबर होता है लेकिन पद का मतलब है कि वह शख्स मुख्यमंत्री के बाद दूसरे नंबर पर है। 

यही सियासी संकेत महत्वपूर्ण होता है। हालांकि डिप्टी सीएम वाले प्रयोग की मजबूरियां या इसकी रणनीति की राज्य की जरूरतों के मुताबिक होती हैं। आंध्र प्रदेश में अब सबसे ज्यादा डिप्टी चीफ मिनिस्टर हैं। 5 प्रमुख समुदायों अल्पसंख्यक, ओबीसी, एससी, एसटी और कापू से एक एक नेता को यह पद मिला है। दरअसल किसी भी राज्य में गठबंधन सरकारों में यह फार्मला कारगर माना जाता है। जब दो पार्टियां हाथ मिलाकर सरकार बनाती हैं तो दोनों में से किसी एक के ही खाते में मुख्यमंत्री की कुर्सी आएगी।

जातिगत संतुलन साधने की फिक्र

हालिया विधानसभा चुनावों के बाद भाजपा और कांग्रेस ने भी ऐसी ही रणनीति अपनाई। भाजपा ने मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में 2-2 उप मुख्यमंत्री बनोये। मप्र में एक ब्राह्मण और दूसरा एससी समुदाय से डिप्टी सीएम चेहरा है। जबकि मुख्यमंत्री ओबीसी समुदाय से हैं। इसी तरह राजस्थान में भाजपा ने मुख्यमंत्री ब्राह्मण को बनाया और उप मुख्यमंत्री राजपूत और दलित समुदाय से। छत्तीसगढ़ में भाजपा ने आदिवासी को सीएम बनाया और साथ में ओबीसी और ब्राह्मण समुदाय से एक-एक उप मुख्यमंत्री।

गुटबाजी खत्म होती है ?

कर्नाटक में जीत के बाद कांग्रेस हाईकमान के सामने सबसे बड़ी चुनौती दो वरिष्ठ नेताओं सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के बीच संतुलन साधने की थी। दोनों ने मुख्यमंत्री पद पर दावा ठोका था पार्टी के भीतर दोनों गुटों के भीतर प्रतिद्वंद्विता चली आ रही थी। चुनाव नतीजे आने के एक हफ्ते बाद कांग्रेस हाईकमान ने दोनों गुटों को खुश और संतुष्ट रखने का फार्मूला बनाया व शिवकुमार को उप मुख्यमंत्री बना दिया। हिमाचल प्रदेश में भी कांग्रेस ने सुखविंदर सिंह सुक्खू और मुकेश अग्निहोत्री के बीच संतुलन साधा। सुक्खू को मुख्यमंत्री और अग्निहोत्री को उप मुख्यमंत्री बनाया।