भोपाल: कांग्रेस के पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू ने कांग्रेस कमेटी की उस विज्ञप्ति पर हैरानी जताई है, जिसमें उन्हें और कुछ अन्य नेताओं को कांग्रेस से निष्कासित करने की घोषणा की गई है। गुड्डू ने सवाल उठाया है कि जब मैंने आलोट विधानसभा क्षेत्र से नामांकन दाखिल किया था तभी कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था तो तो फिर यह निष्कासन कैसा? यह तो केवल कांग्रेस के दिवालियेपन का नमूना है।
प्रेमचंद गुड्डू ने एक बयान में कहा है कि हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में तत्कालीन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने पार्टी के निष्ठावान और जमीनी कार्यकर्ताओं की उपेक्षा कर बड़े पैमाने पर गैर राजनीतिक लोगों और भाजपा से कांग्रेस में आए नेताओं को विधानसभा चुनाव के टिकट बेचे थे, जिसका विरोध करते हुए मैंने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देकर आलोट क्षेत्र से विधानसभा का चुनाव लड़ा था।
मैंने अपनी उम्मीदवारी की घोषणा के साथ ही कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। लेकिन चुनाव नतीजे आने से दो सप्ताह पहले कमलनाथ ने मुझे कांग्रेस से निष्कासित करने की हास्यास्पद घोषणा की थी और अब नए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने मुझे फिर से निष्कासित करने का बचकाना ऐलान किया है।
अब पटवारी नामोनिशान मिटाने पर आमादा..
गुड्डू ने अपने बयान में कहा कि कमलनाथ ने तो भाजपा से सौदेबाजी कर प्रदेश में कांग्रेस को बर्बाद किया ही है लेकिन लगता है कि प्रदेश कांग्रेस का नया नेतृत्व पार्टी की अब तक हुई बर्बादी से संतुष्ट नहीं है। और अब वह भी कमलनाथ के नक्शे-कदम पर चलते हुए भाजपा से सौदेबाजी कर आगामी लोकसभा चुनाव में प्रदेश में बची-खुची कांग्रेस का नामोनिशान मिटाने पर आमादा है। गुड्डू ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को एक पत्र लिखकर मध्य प्रदेश में कांग्रेस की बर्बादी और मौजूदा नेतृत्व की भाजपा के साथ साठगांठ के बारे में विस्तृत जानकारी दी है।