मध्य प्रदेश से ज्योतिरादित्य सिंधिया की जगह पर कौन जाएगा राज्यसभा?


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स्टोरी हाइलाइट्स

पूर्व सांसद डॉ. केपी यादव की दावेदारी पर भारी पड़ सकते पूर्व मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया व पूर्व सांसद रमाकांत भार्गव..!!

भोपाल: राजनीतिक रण संग्राम में लोकसभा चुनाव संपन्न होने के बाद अब प्रदेश की राजनीतिक तस्वीर में बड़ा बदलाव हो गया है। कहीं विधानसभा सीटें रिक्त हो गई है, तो कहीं राज्यसभा सीटों पर भी निर्वाचन होगा। सत्तारूढ़ भाजपा सहित कांग्रेस भी अपनी रणनीति बनाने में जुट गई है। 

ऐसे में एक सीट काफी चर्चा का विषय बनी हुई है। वह है मध्य प्रदेश की राज्यसभा सीट, जो कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के लोकसभा चुनाव जीतने के बाद रिक्त हो गई है। अब इस रिक्त सीट पर उपचुनाव होना है। ऐसे में सवाल है कि भाजपा की तरफ से ज्योतिरादित्य सिंधिया की जगह कौन लेगा? दावेदारों के नाम सामने आने लगे है।

भाजपा के खाते में तय है यह सीट

मध्य प्रदेश में वर्तमान में विधानसभा में सदस्य संख्या के हिसाब से देखा जाए तो खाली होने वाली राज्यसभा की सीट फिर भाजपा के खाते में जाना तय मानी जा रही है। भाजपा इस सीट से किसी वरिष्ठ नेता को राज्यसभा भेजने का मन बना रही है। 

इससे पहले फरवरी 2024 में मध्य प्रदेश में हुए राज्यसभा चुनाव में भाजपा ने दलित, ओबीसी और महिला कार्ड खेला था। इस बार भी केंद्रीय मंत्रिमंडल में मध्य प्रदेश के किसी सामान्य वर्ग के नेता को प्रतिनिधित्व नहीं मिला है। ऐसे में इस बार संभावना जताई जा रही है कि ठाकुर या ब्राह्मण कोटे से यह पद भरा जा सकता है।

पूर्व सांसद केपी यादव रेस में आगे

हालांकि गुना लोकसभा सीट से पूर्व सांसद केपी यादव का टिकट काटकर ज्योतिरादित्य सिंधिया को टिकट दिया गया था। लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान अशोकनगर में केंद्रीय मंत्री अमित शाह एक सभा में पूर्व सांसद केपी यादव को दिल्ली ले जाने का संकेत दे चुके हैं। इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि भाजपा यादव को राज्यसभा का टिकट दे सकती है। ऐसे में सबसे पहली दावेदारी केपी के नाम की है, लेकिन वे ओबीसी वर्ग से आते हैं।

अप्रैल में ये गए हैं राज्यसभा

गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के 5 राज्यसभा सांसदों का कार्यकाल 2 अप्रैल 2024 को समाप्त हुआ था। इसमें भाजपा के चार सांसद धर्मेंद्र प्रधान, डॉ. एल मुरुगन, अजय प्रताप सिंह और कैलाश सोनी थे, जबकि कांग्रेस के राजमणि पटेल राज्यसभा सांसद थे। 

तब भाजपा ने 4 सीटों में से 3 पर ओबीसी से बंशीलाल गुर्जर, दलित समाज से उमेश नाथ महाराज और महिला कोटे से माया नारोलिया को उम्मीदवार बनाया और राज्यसभा में भेजा। डॉ मुरुगन को फिर से मध्यप्रदेश के कोटे से राज्यसभा में भेजा था। इस बार जातीय समीकरण के हिसाब से अब ठाकुर या ब्राह्मण को मौका दिया जा सकता है।

यह नाम सबसे ऊपर

पूर्व मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, राम मंदिर अभियान के प्रमुख नाम पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया और शिवराज सिंह चौहान के लिए विदिशा से सीट छोड़ने वाले पूर्व सांसद रमाकांत भार्गव का नाम सबसे ऊपर है। अगर सामान्य कार्ड नहीं चला तो पूर्व सांसद केपी यादव के नाम पर विचार किया जाएगा।